अब प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनाने के लिए फ्री में जमीन मिलेगी

अब प्रधानमंत्री आवास योजना को और सरल करने का काम किया जा रहा है। अब आवास विभाग जमीन मुफ्त में देने का संशोधित शासनादेश जारी करने की तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2022 तक सभी आवास मुहैया कराने की तैयारी सरकार कर रही है। जिनके पास कच्चा मकान है उन्हें पक्का बनाने में मदद की जा रही है और जिनके पास है ही नही, उन्हें भी नया मकान बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है.
प्रधानमंत्री आवास योजना में दो लाख रुपये में दो कमरे का मकान देने की योजना शुरू की है। इस योजना में मकान बनेंगे साढ़े चार लाख रुपये में परंतु इसमें ढाई लाख रुपये सब्सिडी दी जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में बनने वाले मकानों के प्रगति के बारे में जानकारी मांगी गई थी, तब अधिकारियों ने मकान के लिए जमीन न होने की जानकारी दी। आवास योजना में मकान के लिए आवास विकास परिषद को नजूल की भूमि फ्री में दी जाएंगी। आवास विभाग इस संबंध में जल्द ही शासनादेश जारी करने वाला है

एक आदमी को वजन के हिसाब से पानी पीना चाहिए, कम या ज्यादा नुकसान कर सकता है

आज के समय मे बहुत सारे लोग पानी के महत्व को नही समझते हैं। पानी हमारे वजन को कम करने में भी सहायता करता है। कुछ लोग कहते हैं की 2 लीटर पानी प्रतिदिन पीना चाहिए, लेकिन ऐसा नही है। एक रिसर्च के अनुसार खाना खाने से पहले सिर्फ दो कप पानी पीने से डाइटिंग करने वाले लोगों का साल में सात किलो से ज़्यादा वज़न कम हो सकता है।
सही मात्रा में पानी पीने से शरीर की उपापचयी क्रियाएँ सही बनी रहती हैं, पानी भूख को भी नियंत्रित करता है। वजन के अनुसार कितना पानी पीने की जरूरत होती है यह नीचे चार्ट में दिखाया गया है।

आपकी जेब मे रखा पर्स भी आपकी जान का दुश्मन बन सकता है

आमतौर पर हमारा रूटीन क्या होता है, हम नहा धोकर तैयार होते हैं, अपने बाल संवारते हैं अपनी जरूरी जरूरी चीजें लेते है जैसे कि अपनी कलाई पर घड़ी बांधते हैं, अपना मोबाइल, चाबियां ली और पर्स अपने पतलून में रखा और काम पर जाने के लिये तैयार हो गए।

आमतौर पर दुनिया के ज्यादातर पुरुष इसी तरह काम पर जाने के लिये तैयार होते हैं। मोबाइल लोगो की सबसे बड़ी जरूरत है उसके बाद है घर की चाबियां और तीसरे सबसे जरूरी चीज होती है आपका पर्स या बटुआ।

पर्स में हमारे फ़ोटो डेबिट क्रेडिट कार्ड अपने पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड बगैरह बहुत सारा सामान होता है। अब आप सोचिए कि आप अपना बटुआ कहाँ रखते हैं, अपने बैग में सामने वाली जेब मे या पतलून पैंट की पीछे वाली जेब मे।

अगर आप बटुआ पैंट की पीछे वाली जेब में रखते हैं तो यह बहुत घातक है। पैंट के पीछे रखा आपका वॉलेट आपकी जान का दुश्मन बन सकता है।

पर्स आपकी पैंट की जेब मे थोड़ी देर ही रखने के लिये होता है और अगर आप एक मोटे से पर्स पर कई घंटे बैठेंगे तो इससे आपके हिप जॉइंट और कमर के निचले हिस्से में दर्द शुरू हो जाएगा। ये दिक्कत शुरू होती है साइटिका नर्व के साथ जो हिप जॉइंट के पीछे होती है। मोटा पर्स रखने से यही नर्व बटुआ और हिप जॉइंट के बीच दबती है और आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। ये गंभीर मामला है, दर्द भले हिप से शुरू होता है पर ये पैर के निचले हिस्से तक जा सकता है।

वैज्ञानिकों ने पीठ के दर्द के लिये एक प्रयोग किया जिसमे हिप के नीचे छोटे आकार के पर्स रखे। मोटा पर्स से हमारा पेल्विस भी एक तरफ झुका रहता है जिसके कारण रिड की हड्डी पर ज्यादा दबाब पड़ता है। सीधे बैठने के बजाय कमर के निचले हिस्से में इंद्रधनुष के आकार का घुमाव बन जाता है। जितना मोटा पर्स होगा शरीर एक तरफ ज्यादा झुका रहेगा और उतना ज्यादा ही दर्द होगा। रिड की हड्डी या स्पाइन में टेढ़ापन आ जायेगा और अगर में पहले से ही दर्द हो तो इससे और भी अधिक परेशानी हो सकती है।

आप समझ गए होंगे कि इससे हमें कितनी परेशानी हो सकती है। इस दर्द से बचने के लिए हमे किसी अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट से मिलकर अच्छी कसरत सीख लेने चाहिए। इसमे दर्द रेडियंट होता है यानी कि दर्द अपनी जगह बदलता रहता है।

इससे बचने के लिए हमे पर्स रखने वाली क्लिप का उपयोग करना चाहिए जिससे पर्स अपने पैंट के लूप में लटका रहे या फिर बहुत पतले साइज वाला वॉलेट रखे जिसमे बहुत जरूरी चीजें हो।

मोदी केयर के बाद एक और योजना, 50 करोड़ लोगों को होगा फायदा

सरकार अगले चुनाव से पहले 50 करोड़ लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा की एक बड़ी योजना लेकर आने वाली है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी आएंगे। वित्त और श्रम मंत्रालय इस योजना की निगरानी करेंगे। इसके अनुसार पेंशन और मैटरनिटी कवरेज के साथ मेडिकल, बीमारी और बेरोजगारी कवरेज भी देने का प्लान है।

पहले चरण में ही के कुल कामगारों के लगभग 40 प्रतिसत हिस्से के लिए लागू करने में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी स्कीम को 10 साल में तीन स्टेप्स में लागू कर देने का प्लान है। इसमें हेल्थ सिक्योरिटी और रिटायरमेंट भी दिया जायेगा।

50 करोड़ लाभार्थियों को चार स्तरों में बांटा जा सकता है। पहले इसमें गरीबी रेखा से नीचे के लोगो को शामिल किया जाएगा जो भुगतान नही कर सकते है, कुछ योगदान कर सकने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों को दूसरे स्तर में सब्सिडाइज्ड स्कीमों के द्वारा शामिल किया जाएगा। तीसरे श्रेणी में वे लोग होंगे, जो खुद या अपने एंप्लॉयर्स के साथ मिलकर पर्याप्त योगदान कर सकते हैं। जबकि चौथे स्तर में अपेक्षाकृत संपन्न कामगार को रखा जाएगा, जो खुद अंशदान कर सकते है।

ज्यादा आय वाले भी ले सकते हैं प्रधानमंत्री आवास योजना में घर, 2.5 लाख तक का लाभ मिलेगा

अब प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान 18 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वाले लोग भी ले पाएंगे। इसके लिए उन्हें बैंक से लोन लेने पर ब्याज में छूट भी दी जाएगी। इसका लाभ पाने के लिए लोगों को पीएम आवास योजना में आवेदन करना होगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीबों को 2 लाख में मकान दिया जाता है, कच्चे मकान को पक्का करने के लिए 2.5 लाख दिए जाते है और जिसके पास केवल जमीन है उसे भी मकान बनाने के लिये ढाई लाख दिए जाते हैं।लोगों में यह भ्रम है कि पीएम आवास योजना केवल गरीबों के लिए ही है, जबकि अधिक आय वालों को भी इसमे 2.5 लाख का ही लाभ होगा।

अगर कोई व्यक्ति 9 लाख के मकान के लिए बैंक से लोन लेता है तो उसे योजना के अनुसार बैंक के ब्याज में 4 प्रतिसत की छूट मिलेगी, इसका मतलब है कि अगर उसे बैंक को 9 प्रतिदत ब्याज देना होता है तो उसमें 4 प्रतिशत की छूट हो जाएगी और उसके केवल 5 प्रतिसत ही ब्याज देना होगा। इसी तरह 12 लाख के मकान खरीदने वाले को ब्याज में 3 प्रतिसत की छूट मिलेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 2022 तक सभी जरूरतमंदों के पास रहने लायक घर हो जाना चाहिए।

जिला उद्योग केंद्र से अपने व्यवसाय में मदद ले और इसमे 25 लाख तक के लोन के लिए आवेदन भी करे

जिला उद्योग केंद्र योजना की शुरुआत सन 1978 में केंद्र सरकार के द्वारा लघु , कुटीर , ग्रामोद्योग और छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भी छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना है।जिला उद्योग केंद्र जिला स्तर पर एक केंद्र है जो जिले में छोटे, कुटीर, ग्राम उद्योग, माइक्रो, लघु एवं मध्यम उद्योग से जुड़े व्यवसाईयों को हर प्रकार की सहायता करने के लिए स्थापित किया गया है। यह प्रत्येक जिले में लघु , मध्यम, कुटीर उद्योगों और ग्रामोद्योग की सहायता करने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किया गया है।
इसमे व्यापार मेले , प्रदर्शनियां , सेमिनार आदि का भी विभिन्न प्रकार के उद्योग संघ द्वारा आयोजित करवाया जाता है। हमे UAM (उद्योग आधार मेमोरंडम) पर जाना होगा। यहां पर कारोबारी अपने व्यवसाय को रजिस्टर कर सकते हैं। ऑनलाइन फॉर्म भरते समय व्यवसाइयों को आधार नंबर , व्यवसाय का नाम व्यवसाय का प्रकार और व्यवसाय से जुड़ी सभी जानकारियां फॉर्म में भरी जाती हैं। कोई भी व्यवसायी इसकी वेबसाइट पर जाकर अपना उद्योग रजिस्टर करा सकता है। इसमे लोन भी प्रदान किया जाता है। छोटे कारोबारियों को भी लोन दिया जाता है क्योंकि वह हमारे देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं। इसमे व्यवसाइयों से किसी प्रकार का शुल्क नही लिया जाता है।

इसमे एक ही आधार से एक से अधिक उद्योगों का पंजीकरण किया जा सकता है। भारत सरकार द्वारा ऐसे व्यवसाइयों को सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। आवेदनकर्ता को कम से कम कक्षा 8 पास होना आवश्यक है।इस योजना के अंतर्गत मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में 2500000 रुपए तक का लोन प्राप्त किया जा सकता है।इसके साथ ही अन्य प्रकार के व्यवसाय के लिए 1000000 रुपए तक का लोन प्राप्त किया जा सकता है।आपको udyogaadhaar(dot)gov(dot)in इस वेबसाइट पर जाना होगा जिसकी लिंक हम कमेंट बॉक्स में भी दे रहे हैं। इसमे हम अपनी डिटेल भरने के पश्चात आधार को वैरीफाई करना होगा। जिसके बाद अपनी कैटेगिरी को सिलेक्ट करना होगा। हमे अपने उद्योग का नाम और पता भरना होगा। अब आपके सामने EM1/EM2/SSI/UAM को चुनने का ऑप्शन आएगा। यदि आपने इससे पहले अपने व्यवसाय को रजिस्ट्रेशन करने के लिए आवेदन किया था। तो उस का चुनाव करें, अन्यथा N/A पर टिक करें।
जिसके बाद हमे अपनी बैंक एकाउंट की डिटेल भरनी होगी। इसके बाद हमे सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन स्लिप प्राप्त होगी जिसे आप प्रिंट कर के अपने पास रख लेना है। अगर आप इसमे पहले से ही रेजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं तो इसमे अपनी डिटेल को अपडेट भी कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार लोन योजना में आवेदन कैसे करें, मिलेगा 10 लाख तक का लोन

यह योजना उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए है। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश प्रदेश में बेरोजगारी को कम करना और स्वरोजगार को बढ़ावा देना है इसमे नागरिकों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है। उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार लोन योजना के अंतर्गत प्रदेश के नागरिकों को स्वयं का उद्योग शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैं |
इसका उद्देश्य प्रदेश में बेरोजगारी को कम करने और पलायन को रोकना और उन्हें गांव में ही रोजगार के सुलभ अवसर उपलब्ध कराना है। इसमे 1000000 रुपए तक की वित्तीय सहायता बैंक द्वारा प्रदान कराई जाती है। स्थानीय कच्चे माल की उपलब्धता को देखते हुए व्यक्तियों के लिए ग्राम उद्योग इकाई निर्धारित की जाएगी। आपको www(dot)upkvib(Dot)gov(dot)in इस वेबसाइट पर जाना होगा जिसकी लिंक हम कमेंट बॉक्स में भी दे रहे हैं।

दुनियाभर में खोले गए बैंक खातों में से 55% भारत में खुले

भारत में किये गए सुधारों को सब लोगों भरोसा मिल रहा है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में खोले गए नए बैंक खातों में से 55 प्रतिशत भारत में खोले गए हैं। भारत की जन-धन योजना की सफलता का हवाला देते हुए बताया कि वैश्विक स्तर पर 2014-17 के दौरान 51.4 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं, इनमें से 55 प्रतिशत बैंक खाते भारत में खुले हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2018 में जनधन खातों की संख्या बढ़कर 31.44 करोड़ हो गई, इससे पहले 28.17 करोड़ थी। विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वयस्क बैंक खाता धारकों की संख्या 2017 में बढ़कर 80 प्रतिशत हो गई, इससे पहले 2014 में यह 53 प्रतिशत और 2011 में 35 प्रतिशत थी।

जनवरी में भी विश्व बैंक ने भारत के विकास दर पर संतुष्टि प्रकट करते हुए इस साल यह दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया। इस रिपोर्ट से सरकार को जीएसटी और नोटबंदी पर उंगली उठाने वाले विपक्ष को जवाब देने का मजबूत आधार भी मिल गया है।

विश्व द्वारा भारत की क्षमताओं पर भरोसा जताया जा रहा है भारत अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लगातार नए प्रयास कर रहा है और इन प्रयासों से सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों से भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले मजबूती और तेजी के साथ उभर रही है

सरकार की हर-घर बिजली पहुंचाने की यह योजना देगी 3 करोड़ लोगों को लाभ, ऐसे करे आवेदन

वर्ष 2015 में भारत के 18,000 हजार गांवों में बिजली नहीं थी। जिसके बाद 1000 दिनों में इन गांवों में बिजली पहुंचने का लक्ष्य रखा गया। देशवासियों को यह जानकर खुशी होगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब सभी का हर-घर बिजली का सपना साकार कर रहे हैं क्योंकि बहुत से लोगों के पास अभी भी बिजली नहीं है।

सौभाग्य योजना के तहत गरीबों को मुफ्त में बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री सहज हर घर बिजली योजना सौभाग्य योजना का शुभारंभ किया है, जिस पर 16,320 करोड़ रूपये की लागत आएगी। आप इसमे आवेदन के लिए वेबसाइट पर भी जा सकते हैं saubhagya(dot)gov(dot)in इसकी लिंक हम कमेंट बॉक्स में भी दे रहे हैं।

गरीबी के कारण जो लोग बिजली का कनेक्शन नहीं ले पाते हैं, जिससे उनको बड़ी परेशानी का बहुत सामना करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए सहज बिजली हर घर योजना लाई गई है जिससे कि सभी गरीब परिवारों को भी बिजली मिल सके, और वह आराम से अपना जीवन यापन कर सकें। इस योजना के तहत हर घर को 5 एलईडी बल्ब, एक पंखा और एक बैटरी देने की योजना है। जिन इलाकों में बिजली नहीं पहुंची है वहां पर भी बिजली लाने की कोशिश की है। इसके लिए इन इलाकों के घरों को केन्द्र सरकार की ओर से बैट्री समेत 200 से 300 WP का सोलर पावर पैक दिया जाएगा, जिसमें बैट्री, 5 एलईडी बल्ब, एक डीसी पंखा, एक डीसी पावर प्लग होगा।

सौभाग्य योजना को पूरा करने का लक्ष्य 31 मार्च 2019 रखा गया है। लेकिन इसे 31 दिसंबर 2018 तक ही पूरा कर लिया जाएगा। जहां बिजली पहुंचाना संभव नहीं होगा, वहां सोलर पैनल दिए जाएंगे। अभी 100-150 गांवों में बिजली पहुंचाना बाकी है।

सौभाग्य योजना से अब फ्री में बिजली के कनेक्शन भी दिए जा रहे हैं। जिससे देशभर के गरीबों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। सौभाग्य योजना के अनुसार बिजली कनेक्शन के लिए 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना को आधार माना जाएगा। जो व्यक्ति गरीब होगा जिसके पास बिजली नहीं होगी, ऐसे लोगों को इस स्कीम का लाभ दिया जाएगा। जो लोग इस जनगणना में शामिल नहीं हैं, उन्हें 500 रुपये में कनेक्शन दिया जाएगा। 500 रुपये भी दस किश्तों में वसूला जाएगा। इस स्कीम का फायदा गांव के साथ-साथ शहर के लोगों को भी मिलेगा। इस योजना में 70 हजार करोड रुपए का खर्च होगा। इस योजना के तहत गांवों और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले करीब 3 करोड़ गरीबों को फायदा होगा।

बिना पैसों के शुरू करे ये 5 बिजनेस, हर महीने कमाएं 30 से 40 हजार रुपए महीना, these buisness give a 30 40 thousand profit without investment

मँहगाई के इस दौर में हमे अपना खर्च चलाने के लिए कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर कोई बेरोजगार है तो उसकी परेशानियां और भी बड़ जाती हैं। इसके अलावा नौकरी के साथ और भी कई जॉब है जिनसे भी हम अच्छी कमाई करवा सकते है। इन बिजनेस में हमे थोड़ा सा ही पैसा खर्च करना पड़ेगा।

मोबाइल टिफिन सर्विस- महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी इस काम को करने लगे हैं। यह बिजनेस भी अभी अच्छा चल रहा है। हम यह बिजनेस किसी भी कमर्शियल इलाकों में कर सकते हैं।
ट्रांसलेटर- ट्रांसलेटर भी आजकल बहुत सारा काम कर सकते हैं। गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत मे इसकी अच्छी डिमांड होती है। स्थानीय भाषा का जानना हमे फायदे का सौदा हो सकता है। कई प्रकार की कंपनियां हैं जिन्हें लोकल कंटेंट की डिमांड होती है। इसमे भी 15 से 20 हजार तक की कमाई की जा सकती है।

ई-कॉमर्स कंपनियों में फ्री सेलर- हम ई कॉमर्स कंपनियों में भी फ्री सेलर बन सकते हैं। हम कोई भी प्रोडक्ट घर पर तैयार करके इनपर बेंच सकते हैं। फ्लिपकार्ट, अमेज़न और स्नैपडील का बिजनेस बड़ी तेजी से बड़ रहा है। आप चाहें तो अपना समान यहां पर बेंचकर भी पैसा कमा सकते हैं।

योगा टीचर- आप चाहे तो योगा टीचर बनकर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। आजकल लोग स्वास्थ्य के प्रति अधिक जाग्रत हो रहे हैं और इन दिनों योगा के प्रति भी लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है। यह भी का अच्छा विकल्प है। प्रति व्यक्ति 200-300 रुपये लेकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं।
होम ट्वीटर- हमारी सब्जेक्ट में अच्छी पकड़ है तो हम होम ट्वीटर बन सकते हैं। इसमे फिजिक्स मैथ्स और साइंस की ज्यादा डिमांड होती है। इसके अलावा अच्छी कमाई और नालेज होने के बाद खुद का कोचिंग सेन्टर भी खोल सकते हैं।

क्या आप जानते हैं देश मे करीब 27 हजार नवजात सुन नही पाते हैं, इसके पीछे का कारण जानिए, 27 lack children have disability to hearing, reason behind it

मे हर साल 27 हजार लोग सुनने की असमर्थता के साथ जन्म लेते हैं और विश्व मे भी इनकी संख्या 3.6 करोड़ है। सुनने में असमर्थता को भारत मे उपेक्षा की चीज है। यहां सुविधाओं में कमी के कारण लोगो की इच्छा होते हुए भी वह परेशानी झेल रहे है। इसका कारण वंशानुगत, प्रसव के दौरान, गर्भावस्था के दौरान समस्या के कारण भी हो जाता है। प्रसव के दौरान माताओं के साईटोक्सिक और एंटीबायोटिक दवाओं के संपर्क में आने, नवजात को होने वाला पीलिया, दम घुटना/हाईपोक्सिया, जन्म के समय शिशु का वजन कम होना, टोर्च संक्रमण आदि भी बहरेपन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में इस परेशानी से अधिक ग्रसित है। कुल मिलाकर 6.3 फीसदी लोग इससे पीड़ित हैं।

डेढ़ से तीन साल के बच्चों में पर्याप्त वार्ता और भाषा का विकास नही हो पाता जिससे इन्हें संकेत पहचानने में दिक्कत आती है। बहरेपन का पता लगाने के लिए दो चरणों मे अलग-अलग जाँच की जाती है।इलेक्ट्रोफिजीयोलोजीकल उपायों ओएई और एबीआर का उपयोग करके विभिन्न असफल पैटर्न का पता लगाया जा सकता है।

यह आयू पर भी निर्भर करता है जन्म से चार महीने तक का नवजात जोर की आवाज से जागता है या हलचल करता है, जोर की आवाज से चौंकता है, परिचित की आवाज से शांत हो जाता है, उसकी आवाज ओर प्रतिक्रिया भी देता है।

चार से नौ महीने तक का बच्चा परिचित आवाज की तरफ अपनी आंखें मोड़ता है, बात करने पर हंसता है, झुनझुने की आवाज की तरफ आकर्षित होता है। इसके अलावा 9 से 16 महीने तक का बच्चा नाम पुकारने पर प्रतिक्रिया देता है, आवाज में स्वर के परिवर्तन का जबाब देता है, मा या पापा भी कहने लगता है। साधारण निर्देश को समझता है और आपकी आवाज को भी दोहराने लगता है।

सरकार की तैयारी, 5 करोड़ PF खाताधारकों को खुश करने की बारी, pf account holder good news here

अगर आप भी नौकरी करते हैं तो यह आपके लिए बड़ी खुशी की बात है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 5 करोड़ से अधिक ग्राहकों को शीघ्र ही अपने भविष्य निधि कोष में से एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के द्वारा शेयरों में निवेश बढ़ाने या घटाने का ऑप्शन मिल सकता है।

PF खाताधारकों को अपने फण्ड का 15 प्रतिसत हिस्सा वह शेयर में भी लगा पाएंगे। अब शेयर मार्केट में आप कितना फण्ड लगाना चाहेंगे, यह आप स्वयं ही डिसाईड कर पाएंगे।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने शेयर में पैसा लगाकर 2 सालो में अच्छा मुनाफा कमाया है। ईपीएफओ की तरफ से जारी किए डाटा के अनुसार ईपीएफओ ने अगस्‍त 2015 से 28 फरवरी 2018 के बीच ईटीएफ में 41967.51 करोड़ रुपये का निवेश किया था, इससे ईपीएफओ को 17.23 फीसदी का रिटर्न मिला। इसी फायदे को देखते हुए निवेश बढ़ाने की मांग की गई थी।
पेंशनधारकों को भी फायदे वाली खबर पिछले दिनों आई थी कि सरकार पेंशनधारकों को एम्प्लॉई पेंशन स्कीम के द्वारा मिलने वाली न्यूनतम राशि को दोगुना कर सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की राशि 2,000 रुपये किया जा सकता है। इससे लगभग 40 लाख सब्सक्राइबर्स को फायदा होगा और सरकार पर सालाना 3000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। इस पर अंतिम फैसला जल्दी ही ले लिया जाएगा।

बिजनेस आप शुरू करे, लोन सरकार देगी, you do your business and loan given by government

स्माल स्केल के बिजनेस के लिए अधिक पैसे और सपोर्ट की आवश्यकता होती है। सरकार भी अधिक लोन बहुत कम दर पर देने का भरपूर प्रयास कर रही है। कई बैंक भी हैं जो सरकार की योजनाओं के साथ तालमेल मिलाकर काम कर रही हैं। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक पर प्रमुख रूप से शामिल है।

स्माल स्केल के लिए वर्किंग कैपिटल फाइनेंस- इसके अंतर्गत व्यवसाय को संचालित करने के लिए जिस पैसें की जरूरत पड़ती है वह वर्किंग कैपिटल कहलाती है, जब तक कि हमारा बिजनेस पूरी तरह से स्थापित न हो जाये।

कॉरपोरेट टर्म लोन- यह किसी विशेष बाजार में अपनी पहुँच बढ़ाने या नए उपकरण को उपयोग में लाने के लिए दी दाती है।

टर्म फाइनेंस- यह लोन हमे अचल संपत्ति जैसे कि मशीन, बिल्डिंग खरीदने के लिए दी जाती है जो कि 10 सालो तक कि अवधि के लिए दी जाती है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यह सबसे सामान्य बैंक है जो कई तरह के लोन देता है। लोन लेने के लिए बैंक के द्वारा गांव और अर्द्धशहरी क्षेत्रों की ब्रांचों में यह सुविधा प्रदान की गई है। यहां पर आपको एसबीआई से मिलने वाले लोन के बारे में बता रहे हैं- क्रॉप लोन, हार्टीकल्‍चर फाइनेंशिंग, फर्म मैकेनाइजेशन स्‍कीम, लैण्‍ड डेवलपमेंट स्‍कीम, माइनर इरीगेशन प्रोजेक्‍ट, एग्रीकल्‍चर टर्म लोन।

कृषि के अलावा अन्‍य व्‍यवसायों के लिए एसबीआई की कुछ लोन स्‍कीम इस प्रकार हैं- वर्किंग कैपिटल फाइनेंस, कॉरपोरेट टर्म इंश्‍योरेंस, डिफर्ड भुगतान गारंटी, प्रोजेक्‍ट फाइनेंस, स्‍ट्रक्‍चर्ड फाइनेंस।

देश के 5.70 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के द्वारा दिया गया लाभ, pradhanamntri fasl beema yojna and its rule

जैसा की आप सभी जानते हैं भारत एक कृषि प्रधान देश है और बहुत समय से खराब मौसम और सरकारी योजनाओं के आभाव में किसानों की हालत में सुधार नही हो पाया है। हमारे देश मे सूखा और बाढ़ जैसी समस्याओं के बढ़ जाने से किसानों की आय पर बुरा असर पड़ रहा है।

फसल बीमा योजना से किसानों को फसल को लेकर होने वाली चिंता कम हो जाती हैं। केंद्र सरकार द्वारा किसानों की समस्या को देखते हुए 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरूआत की गई थी। इससे पहले किसान आपदा से होने वाले नुकसान को लेकर चिंता में रहते थे और ऐसीं आपदाओं से उन्हें बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

पॉलिसी के अनुसार खरीफ फसल के लिए 2 % तथा रवि के लिए 1.5 % का भुगतान यानी प्रीमियम देना पड़ता है। जिसके अंतर्गत प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़-सूखे की स्थिति में आर्थिक सहायता की जाती है। अगर अब किसानों को किसी भी आपदा से नुकसान का डर है तो बीमा करा लें और इसमे प्रीमियम भी कम देना पड़ता है। इसके अंतर्गत निजी या भाड़े पर ली गई जमीन पर बीमा दिया जाता है। इसमे राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा की जाती है।
जरूरी दस्तावेज- एप्पलीकेशन फार्म, जमीनी दस्तावेज, किसानों के पहचान पत्र, राशन कार्ड, घर के पता का प्रमाण, फसल के बुआई की तिथि आदि।

फसल बीमा योजना में अप्लाई करने के लिए हमे उसकी ऑफिसियल वेबसाइट agri-insurance(dot)gov (dot)in पर जाना होगा इसकी लिंक हम अपने कमेंट बॉक्स में भी दे रहे हैं। इसमे हमे अपना एकाउंट बनाना होगा। इसके लिए हमे रेजिस्ट्रेशन पर क्लिक करके अपनी जानकारी डालनी होगी। और इसके बाद सब्मिट कर देना है।

आप चाहे तो इसे ऑफलाइन भी कर सकते हैं इसके लिए फार्म डाउनलोड करके, उसमें सारी जानकारी भरने के बाद किसी भी बैंक में जाकर जमा कर देना है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा लाभ की कोई सीमा नही है, इसमे किसानों को 90 तक का लाभ भी मिल चुका है। वर्ष 2016 17 में 5.70 करोड़ किसानों ने इस योजना में अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था, जिसका लगभग 13,661 करोड़ रुपये के दावे किए गए हैं जिसमे से 12,313 दावों के निपटारे किया जा चुका है।