साइलेंट हार्ट अटैक से कैसे करें बचाव और जानिए इसके लक्षण, silent heart attack and their cause

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी का दुबई में निधन हो गया, वह 54 वर्ष की थीं। कार्डियक अरेस्ट यानी साइलेंट हार्ट अटैक के कारण उनकी हृदय गति रुक जाने के कारण उनकी मौत हो गई है। कई बार हार्ट की बीमारी नही होने पर भी साइलेंट हार्ट अटैक आ सकता है। पुरुषों को इसकी ज्यादा संभावना रहती है।साइलेंट हार्ट अटैक को साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन भी कहा जाता है। इस प्रकार के हार्ट अटैक में सीने में दर्द का अनुभव नही होता है।

क्यों पता नहीं चलता है हार्ट अटैक के दर्द का- कई बार ब्रेन तक दर्द का अहसास पहुंचाने वाली नसों या स्पाइनल कॉर्ड में प्रॉब्लम के कारण या फिर साइकोलॉजिकल कारणों से व्यक्ति दर्द की पहचान नहीं कर पाता। इसके अलावा ज्यादा उम्र वाले या डायबिटीज के पेशेंट्स में ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी के कारण भी दर्द का अहसास नहीं होता है।

इसके महत्वपूर्ण लक्षण- पेट में खराबी, गैस्ट्रिक प्रॉब्लम, बिना किसी कारण के सुस्ती या कमजोरी का होना, थोड़े से काम में ही थक जाना, ठंडा पसीने का अचानक आना, बार बार सांस फूलना।

हार्ट अटैक के कारण- ज्यादा तेलीय, अधिक फैटी और प्रोसेस्ड फ़ूड खाना, शारीरिक व्यायाम न करना, सिगरेट और शराब पीना, मोटापा और डॉयबिटीज का होना, अधिक तनाव में होना।

इससे कैसें बचा जाए- खाने में अधिक वेजीटेबल और सलाद का उपयोग करना चाहिए, एक्सरसाइज और योगासन करते रहना चाहिए, शराब और सिगरेट जैसें नशे से दूर रहना चाहिए, स्ट्रेस और तनाव नही लें, अपना मेडिकल का चेकअप करवाते रहिये।

चेक से लेनदेन करते हैं, क्या आप जानते हैं चेक पर लिखे नम्बरों का मतलब, number written in cheque, what it means

चेक से सभी लेनदेन तो करतें ही हैं। कभी हमारी सैलरी चेक के रूप में आती है तो कभी बड़ा लेनदेन के लिए चेक पर ही निर्भर रहना पड़ता है। आज हम आपको बताते हैं कि चेक पर नीचे लिखे नम्बरों के क्या मतलब होता है। सभी चेकों के अंत मे चेक नंबर लिखा होता है, जो चार अंको में विभाजित होता है। चेक में अंत मे लिखे 6 अंकों को चेक नंबर कहा जाता है।
   MICR- जिसके बाद 9 अंकों का MICR ( चुम्बकीय स्याही कैरेक्टर रिकॉग्निशन ) कोड होता है। इस कोड के पहले तीन डिजिट बैंक एकाउंट का सिटी कोड को बताते हैं। उदाहरण के लिए बैंगलुरु के लिए 560 होगा, क्योंकि वहां का पिन कोड 560 से ही शुरू होता है। इसके बाद वाला तीन डिजिट बैंक का कोड बताती हैं। जैसें की SBI का 002 HDFC का 240 आखिरी की तीन डिजिट में ब्रांच कोड होता है।

चेक के अंत मे लिखा तीसरा हिस्सा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मेंटेन किया जाता है। ये 6 अंकों का होता है जो बैंक एकाउंट को प्रदर्शित करता है।

चेक की आखिरी डिजिट चेक के प्रकार को बताती हैं।

1 मार्च वे बंद हो जाएगा आपका मोबाइल वॉलेट जल्दी करें eKYC , इसे करने का तरीका जानें, you must done eKYC of your mobile tillc1 march and prevent your account close

रिजर्व बैंक ने 28 फरवरी 2018 तक का समय दिया था. मोबाइल वॉलेट कंपनियों को अपना ईकेवायसी का काम पूरा कर लें, पर लगभग 91 प्रतिसत ग्राहकों ने अभी तक यह पूरा नही किया है जिससे उनके एकाउंट बंद होने के कगार पर हैं। अगर उनके वॉलेट में अधिक पैसा है तो उन्हें और भी परेशानी हो सकती है पैसा इनमें रखा है तो उसे निकाल लें या फिर ईकेवायसी को 1 मार्च से पहले पूरा कर लें। पेटीएम जैसीं कंपनियां समय-समय पर अपने ग्राहकों को ईकेवायसी पूरा करने के लिए सूचित करती रहीं हैं। ईकेवायसी के लिए यूजर को आधार कार्ड और पैन कार्ड का सत्यापन करवाना होता है।
   कैसें करें ई केवायसी- सबसे पहले वालेट एप्प पर आईडी और पासवर्ड से लॉगिन करें। इससे एप्प के होम पेज पर ही केवायसी या एकाउंट अपग्रेड का ऑप्शन मिलेगा, जिस पर क्लिक करने के बाद आधार नंबर डालने को कहा जायेगा और फिर आगे के लिए प्रोसीड करें। इसके बाद हमें नियरबाई का ऑप्शन मिलेगा, जिस पर हमें अपने पास स्थित दुकान या ऑथोराइज़्ड स्टोर का पता मिल जएगा। आप यह करते समय अपना जीपीएस जरूर ओन कर लें जिससे हमारी लोकेशन के पास का स्टोर हमे पता चल सके। जिसके बाद हमे अपना पैनकार्ड और आधार कार्ड दिखाकर अपना सत्यापन पूरा करना है। उसके बाद हम अपने वॉलेट में 1 लाख तक कि राशि जमा कर सकते हैं। कुछ कंपनियां तो इस पर 4 परसेंट का ब्याज भी देती हैं।

अब जुलाई से 13 अंको के मोबाइल नंबर होंगे, क्या होगा आपके पुराने नंबर का जानें, mobile number will be 13 disit very soon

अभी हम सबके मोबाइल नंबर 10 डिजिट के होते हैं और जुलाई के बाद ये 13 अंको के होने वाले हैं। इसका फैसला डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने लिया है। रिपोर्ट के अनुसार 10 अंको के नंबर में और ज्यादा नंबर की सीरीज नही निकाली जा सकती हैं। नई व्यवस्था के अंतर्गत यह माइग्रेशन का काम अक्टूबर से शुरू हो जएगा। यह काम 31 दिसम्बर 2018 तक पूरा हो जएगा, पर इस बारे में अभी यह नही बताया है कि इसे कैसे पूरा किया जएगा।
   इसके अनुसार मोबाइल कंपनियों को भी कहा गया है कि वे सॉफ्टवेयर में बदलाव करें ताकि लोगो को 13 अंको के सिमकार्ड से परेशानी न हो। मोबाइल नंबर के 13 अंको के होने से थोड़ी परेशानी जरूर हो सकती है। जैसें की अपने बैंक एवं अन्य ऑफिशियल कामों में दिए गए नंबर को भी चेंज करना पड़ेगा।

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अब किसी भी सरकारी हॉस्पिटल में अपनी अपॉइन्ट्मेन्ट बुक करें, easy step to book your oppoinment in hospital

अब किसी भी अस्पताल में ओपीडी बुक करना, लैब रिपोर्ट लेना, ब्लड की उपलब्धता जैसी सुविधाओं को ऑनलाइन और सरल तरीके से चेक कर सकते हैं। ओआरएस आधार आधारित ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और अपॉइन्ट्मेन्ट लेने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो देश भर में विभिन्न अस्पतालों को जोड़ने का कार्य करता है। ORS गवर्नमेंट हॉस्पिटल में ओपीडी के अपॉइन्ट्मेन्ट के लिए ऑनलाइन पोर्टल है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें रोगियों को लम्बी लाइन से छुटकारा मिल जाता है। पोर्टल आधार कार्ड के ईकेवाईसी डेटा का उपयोग करके विभिन्न अस्पतालों के विभिन्न विभागों के साथ ऑनलाइन अपॉइन्ट्मेन्ट की सुविधा प्रदान करता है, यदि मरीज का मोबाइल नंबर यूआईडीएआई के साथ पंजीकृत है और अगर मोबाइल नंबर यूआईडीएआई के साथ पंजीकृत नहीं है तो रोगी का नाम उपयोग किया जाएगा।
  नए रोगी को अपॉइन्ट्मेन्ट के साथ स्वास्थ्य पहचान (यूएचआईडी) नंबर भी मिलेगा। अगर आधार नंबर पहले ही यूएचआईडी नंबर से जुड़ी हुई है, तो बस अपॉइन्ट्मेन्ट नंबर दिया जाएगा और यूएचआईडी एक समान रहेगी। इन सब के लिए आप आधार नंबर से पहचान को वैरीफाई करवाकर हॉस्पिटल का चयन करके, डिपार्टमेंट (जिसमें हमे इलाज करवाना है ), अप्पोइन्मेंट की डेट सिलेक्ट करना है। यदि आपके पास रोगी का आधार नंबर है और रोगी का मोबाइल नंबर यूआईडीएआई के साथ पंजीकृत है, तो यूआईडीएआई द्वारा एसएमएस के द्वारा आधार धारक को वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। जिसके बाद हमे एसएमएस के द्वारा अपॉइन्ट्मेन्ट का मैसेज आ जायेगा।

इन तीन तरीकों से हम अपॉइन्ट्मेन्ट बुक कर सकते हैं। नए रोगियों का आधार नंबर ( रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के साथ ) होना चाहिए। यदि रोगी के पास आधार कार्ड तो है पर उसमें मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नही है तो उसके लिए आधार कार्ड पर दिया हुआ नाम याद होना चाहिए। वैरिफिकेशन के बाद अन्य जानकारी डालनी होगी। यदि रोगी के पास आधार नंबर नहीं है तो पर्सनल मोबाइल नंबर, नाम, पिता का नाम, मां का नाम आदि दर्ज करने की आवश्यकता होती है।

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व्हाट्सएप करो, अब व्हाट्सएप से मनी ट्रांसफर भी कर सकेंगे, you can transfer money from whatsapp

UPI पर आधारित व्हाट्सएप पेमेंट अब धीरे-धीरे भारत में आ रहा है। बहुत जल्दी देश के 20 करोड़ यूजर तक यह सुविधा पहुँच जाएगी। इस तरह से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को चैट बॉक्स में ही जाकर पैसे भेज और मंगा सकते हैं। व्हाट्सएप पैमेंट UPI के अलावा एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक सहित लगभग 70 बैंकों को सपोर्ट करता है। अगर आप इस फीचर का पहली बार उपयोग कर रहे हैं तो एक बार जांच लीजिये की आपका व्हाट्सएप अपग्रेड है या नही और अपग्रेड नही है तो प्ले स्टोर पर जाकर पहले इसे अपडेट कर लें। व्हाट्सएप का यह फीचर एंड्रॉयड 2.18.46 पर मिलेगा। अभी यह आईओएस यूजर को उपलब्ध नही है, लेकिन जल्दी ही उन्हें भी उपलब्ध हो जाएगा। यूजर के चैट बॉक्स में जाकर, किसी कांटेक्ट में अटैचमेंट पर क्लिक कीजिए और पेमेंट पर जाइये। पेमेंट का विकल्प आते ही यूजर को यूपीआई के साथ सुरक्षित धन भेजने का विकल्प मिल जाएगा।
   पेमेंट भेजने और प्राप्त करने के लिए यूजर को एक्सेप्ट और कंटिन्यू पर क्लिक करना होगा। यहां नियम और शर्तों को स्वीकार करते हुए अपना बैंक चुनना होगा, एकाउंट डिटेल भरनी होगी और उसके बाद आप आगे वैरीफिकेशन sms का विकल्प चुनेगें और सेंड बटन पर टैब करेंगे। अब एसएमएस आएगा और अपना ओटीपी डालना होगा। अगर आपके बैंक से यूपीआई अटैच है तो एसएमएस के द्वारा अगला स्टेप आएगा।अगर यूपीआई एकाउंट लिंक नही है तो यूजर को यूपीआई पिन जेनरेट करना होगा। इसमें हमे यह बात भी ध्यान रखना होगा कि बैंक से लिंक मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप नंबर एक ही होना चाहिए। आप सीधे पेमेंट ओप्शन पर जाकर बैंक एकाउंट चुनिए, राशि तय कीजिए और यूपीआई पिन भरकर सेंड बटन पर क्लिक कर दीजिए और इस तरह से व्हाट्सएप से पैसे भेजे और प्राप्त किये जा सकते हैं।

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अब वोटर आईडी में सुधार हुआ बहुत आसान, घर बैठे मोबाइल से ही करें ये काम, voter id can be edited by mobile app and internet, after 6 months

अब आने वाले समय मे हम अपने वोटर आईडी में होने वाली गड़बड़ी के सुधार के लिए दौड़ना नही पड़ेगा, हम चाहे तो इसे घर बैठे ही ठीक कर सकते हैं। कई लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में चले जाते हैं तो उन्हें आईडी के लिए परेशान होना पड़ता है। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। इसके लिए एक मोबाइल आधारित एप्प भी लॉन्च की जाएगी और यह जून 2018 तक उपलब्ध हो जाएगी।
    इस एप्प का नाम ERONeT (इलेक्टोरल रोल्स सर्विस नेट) है। इसमें मोबाइल पर otp आएगा जिससे हम आईडी में परिवर्तन कर पायेगें। चुनाव आयुक्त ने बताया कि अभी इस बारे में 22 राज्यों ने संपर्क किया है। उन्होंने बताया कि जून तक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस पर सहमत हो जायेगें। अभी गुजरात और हिमाचल प्रदेश जैसें राज्यों से सहमति नही बन पाई है। आपको हमारी जानकारी पसन्द आये तो हमे लाइक, शेयर करें और सब्सक्राइब/फॉलो जरूर करें।

पैनकार्ड में सुधार करवाते या बनवाते समय ये सावधानी रखें नही तो परेशानी हो सकती है, making new pan card or editing through online use precaution

इंटरनेट कई सारे लोग धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं और यह एक बड़ी चिंता का विषय है। इससे हमें धन की हानि तो होती ही है इसके साथ हमारी प्राइवेट डिटेल भी गलत हाथों में जाने का खतरा भी रहता है। पैनकार्ड के संबंध में हम सेन्टर पर जाकर और ऑनलाइन भी अपना काम कर सकते हैं। कुछ लोग एजेंट के द्वारा भी काम करवाते हैं तो इससे भी उन्हें बहुत ज्यादा पैसा देना पड़ता है, दूसरी तरफ हमारे डॉक्यूमेंट गलत हाथो में जाने का ख़तरा भी रहता है। अगर हम ऑनलाइन अपना काम करना चाहे तो हम यह भी कर सकते हैं। पर हमें ऑथेंटिकेट वेबसाइट पर ही जाना है। हम ये वेबसाइट को अपनी इमेज में दे रहे हैं।
   आयकर विभाग ने कहा है कि उसने पैन कार्ड बनाने का अधिकार दो ही संस्थाओं को दिया है जिनमें NSDL ईगवर्नेन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ( NSDL e gov) और uti इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजीस सर्विसेज लिमिटेड शामिल है।इसके अलावा और कोई भी संस्था से आप सम्पर्क न करे और किसी भी वेबसाइट से इसके लिए आवेदन न करे। विभाग ने यह भी कहा है कि अगर आप किसी और वेबसाइट के माध्यम से फॉर्म भरते हैं और पेमेंट करते हैं तो उसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।

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इन अभिनेताओं का भी पाकिस्तान से है रिश्ता, these actor also have a relationship with pakistan

हमारे चहेते कलाकारों का जन्म देश-विदेश और महाद्वीप के विभिन्न भागों में हुआ है। इनमें से कुछ का जन्म पाकिस्तान में भी हुआ है। अमिताभ बच्चन से लेकर शाहरुख खान तक कई कलाकारों का पाकिस्तान से संबंध रहा है। गोविंदा के पिता अरुण कुमार आहूजा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वह भारत पाकिस्तान के बटवारे के समय भारत आ गए थे। दिलीप कुमार का जन्म लाहौर में हुआ था, लेकिन वह भारत पाकिस्तान के बटवारे के समय भारत आ गए थे।
  शशि कपूर का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। देवानंद का जन्म गुरुदासपुर पाकिस्तान में हुआ था। अमरीश पुरी का जन्म भी पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। अमिताभ बच्चन की माँ तेज़ी का जन्म पाकिस्तान के लालपुर शहर में हुआ था, जिसे अब फैसलाबाद कहा जाता है। प्रेम चोपड़ा का जन्म भी पाकिस्तान के लाहौर में ही हुआ था। साधना अभिनेत्री जो अपनी आवाज के लिए भी जानी जाती थी, इनका जन्म भी पाकिस्तान के कराची में हुआ था। शाहरुख के पिता मीरताज मोहम्मद खान का जन्म पेशावर में हुआ था। रितिक के दादा पंजाब के शियाल कोट के रहने वाले थे जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है।

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प्यार क्यों होता है, जाने इसका वैज्ञानिक कारण, why love is happen in our life

वेलेंटाइन के इस वीक में लोग प्रेम के पुजारी बने घूम रहे हैं। लेकिन आप जनना चाहते हैं कि प्यार कैसे होता है, इसके क्या लक्षण होते हैं। इसके लिए हमे शेर-शायरी और कविताओं के अलावा थोड़ी साइन्स की जानकारी होनी चाहिए। कुछ लोगो को कहते सुना होगा कि प्यार में भूंख, नींद, चैन सब उड़ जाती हैं, कहीं भी मन नही लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या विज्ञान है। क्या होता है जब हमें प्यार हो जाता है। हमारी बॉडी से एंडोर्फिन (खुशी का हार्मोन) निकलता है। यह हमारी बॉडी से कई और तरीके से निकलता है, जैसे व्यायाम करके, कुछ मज़ेदार या एक्साइटेड वाला कोई काम करके।
    खुशी, प्रफुल्लता और आनंद का अनुभव कराने वाला हार्मोन ही प्यार में पढ़ने के लिए उत्तरदायी होता है। कभी-कभी हमें लगने लगता है कि हम प्यार में पड़ने के बाद बदल गए हैं तो इसमे भी इसी हार्मोन का हाथ होता है। जब सामने वाले व्यक्ति से प्यार हो जाता है तो उसकी बुरी आदतों पर हमारा ध्यान नही जाता और यही कारण है कि प्यार अंधा होता है, यह भी एंडोर्फिन हार्मोन के कारण होता है।

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भूलकर भी न करें आधार पर लेमिनेशन और प्लास्टिक का बनवाने का सोचे भी नहीं, dont laminate adhar card and do not make it plastic by spend money

आधार हमारी एक बड़ी जरूरत बनता जा रहा है और इसे अपने पास रखना ही पड़ता है। लेकिन ज्यादा समय तक उसे रखने पर यह खराब हो जाता है या मुड़ जाता है। कुछ लोग इस पर लेमिनेशन करवा लेते हैं, जिससे आधार का QR कोड स्कैन होने में परेशानी होती है। इसलिए हमें जिस रूप में मिला है वैसा ही अपने पास रखना चहिए। कुछ लोग इसे प्लास्टिक का बनवाने के लिए 50-300 रुपये खर्च कर देते हैं परंतु फिर भी इसमें स्कैन में दिक्कत आती है। सबसे बड़ी बात ये है कि इससे हमारी प्राइवेसी को खतरा होता है, दुकानदार हमारे आधार कार्ड की कॉपी भी बना सकता है। कुछ लोगों को शिकायत रहती है कि उनका फोटो खराब है या फिर एड्रेस गलत दिया है तो इसे आप स्वयं ही वेबसाइट पर जाकर ठीक कर सकते है और आप आधार सेन्टर पर जाकर भी इसे ठीक कर सकते हैं।
  सेन्टर पर जाने का एक फायदा और है कि इसमें अपना फ़ोटो को भी बदला जा सकता है जबकि घर से वेबसाइट के द्वारा हम फ़ोटो नही बदल सकते हैं। सेंटर पर आधार से जुड़ी किसी भी समस्या के निदान का चार्ज 30 रुपये है (25+ 18 % जीएसटी ) और अगर कोई इससे ज्यादा चार्ज लेता है तो आपको इसकी शिकायत (1947 जो कि टोल फ्री नंबर है ) करना चाहिए। आधार आफिस ने साफ कहा है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नही होनी चाहिए और इसी कारण आधार सेंटरो की संख्या को घटाकर सीमित भी किया गया है। आधार का समान्य कागज पर प्रिंट भी मान्य है और उसे ब्लैक एंड व्हाइट/ दोनों ही रूपों में स्वीकार किया जाएगा। इसके अलावा इसका कोई भी भाग भी इसके प्रमाण के लिए मान्य है।

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इन 7 संकेतों से पता लगाएं की आपका मोबाइल फोन हैक हो गया है, 7 ways that indicate your smart phone is hack

आपका मोबाइल फ़ोन थोड़ी देर के लिये यहाँ वहां हो जाता है, नजर नही आता तो कितनी बेचैनी हो जाती है, आप कितने परेशान हो जाते हैं। मोबाईल फ़ोन सिर्फ बात करने का ही माध्यम नही रह गया है, बल्कि एक मोबाइल फ़ोन में न जाने इसमें कितनी जानकारियां होती हैं।

हमारे बैंक खाते की डिटेल, लोगो के टेलीफोन नंबर, हमारे नोट्स, कहानियां, कवितायें, आफिस के जरूरी दस्तावेज, आपके आधार पैन कार्ड के नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी और कई चीजें आपके मोबाइल फ़ोन में होती है। इसके अलावा जरूरी वीडियो, आपकी फ़ोटो, आपके गाने जैसी चीजें भी होती हैं।

लेकिन सोचिए क्या होगा अगर आपका फोन हैक हो जाये और आपको पता ही न चले। हम आपको ऐसे 7 संकेत बतायेगें जिससे पता चल सकेगा कि आपका फोन हैक हो गया है।

अगर आपका फोन नार्मल से कम स्पीड से चल रहा है तो हो सकता है कि यह किसी वायरस या मेलेसियस प्रोग्राम के कारण हुआ हो। मेलेसियस प्रोग्राम वह होते हैं जो फोन की परफॉर्मेन्स और यूजर को नुकसान पहुँचा सकते हैं। लेकिन ये ध्यान रखिये की फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के लगातार अपडेट होने के कारण भी फ़ोन की स्पीड कम होती चली जाती है। एंड्रॉइड या किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम का अपडेट या तो लेटेस्ट मोबाइल में आता है या फिर पुराने में थोड़ी धीमी स्पीड के साथ लांच होता है। इसलिए इससे बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नही है। लेकिन सजग रहना तो जरूरी है।

अगर आपका फोन जरूरत से ज्यादा गरम हो जाता है तो हो सकता है कि कोई मेलेसियस एप्पलीकेशन बैकग्राउंड में चल रहा हो। फोन के गरम होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि एप्पलीकेशन जिसे हमे बंद करना चाहये था, लेकिन हमने उन्हें ठीक तरीके से बंद नही किया। फोन के लगातार गर्म होने का असर उसकी बैटरी पर पड़ता है, इस कारण अपने फोन की बैटरी अपनी उम्र से कम चल पाती है। अगर आपका अपडेट नया और प्रभावशाली है तो अपने फोन को अपडेट जरूर कर लेना चाहिए।

कुछ मौकों पर फोन के हैक होने की जानकारी हमारे जान पहचान वालो से हो जाती है। कभी आपने ध्यान दिया होगा कि अपने फ़ोन पर अनजान लोगों के मेसेज आ जाते हैं या चले जाते हैं। ऐसे मौकों पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को ये मेसेज एसएमएस या व्हाट्सएप के द्वारा मिल जाते हैं, हालाँकि इन मेसेजों को हमने नही भेजा होता है। तो अगली बार कोई आपसे बोले कि ये मेसेज क्यों भेजा है और वो मेसेज आपने नही भेजा है तो ये हैकर की करामात हो सकती है, ऐसी स्थिति में सिर्फ एक बटन पर भरोसा कीजिए और वो है डिलीट। अगर हमे लगता है कि ये मैसेज या लिंक संदेहास्पद है तो हमे किसी भी तरह उस मेसेज या लिंक पर क्लिक नही करना है, उसे देखने से पहले ही डिलीट कर देना है।
अगर आपके मोबाइल में वायरस है तो वो आपकी मर्जी के बिना किसी विंडोज में वो ले जाएगा, नया विंडोज या टैब अपने आप खुलने लगे तो ये इस बात का साफ संकेत है कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। कई बार कंप्यूटर में इंटरनेट के कारण नए टैब खुल जाते हैं, फोन में भी ऐसा ही होता है। लेकिन ऐसा होता है तो सावधान रहने की जरूरत है।

अपने फोन को ध्यान से देखे और उसमें कुछ ऐसे एप्पलीकेशन हैं जिन्हें आपने डाउनलोड नही किया है तब भी आपको सावधान हो जाना चाहिए। दूसरी बात ये है कि ऐसी जगह से एप्पलीकेशन डाउनलोड करें जो भरोसेमंद हो यानी बहुत संदेहास्पद प्ले स्टोर से एप्पलीकेशन डाउनलोड नही करना चहिए। एप्पलीकेशन वही से डाउनलोड करना चाहिए जो मशहूर हो या जिनसे आपका फोन चल रहा हो।

कई बार इंटरनेट पर कुछ काम करते हुए अजीब सी आवाज आ रही हो या वेब पेजों पे अनचाही या असमान्य आवाजें आ रही हैं तो इसका मतलब ये है कि किसी ने आपका फोन हैक कर लिया है और वो दूर से आपकी डिवाइस को कंट्रोल कर रहा है। बीप जैसी आवाज अगर आपके कॉल पर आ रही हैं तो इसका ये मतलब भी हो सकता है कि कोई आपका कॉल रिकॉर्ड कर रहा है।

आप अपने फोन में एंटीवायरस रखिये और जिन एप्पलीकेशन को आपने इंस्टॉल नही किया है उन्हें डिलीट कर दें, फ्री के वाई फाई के चक्कर मे मत पढ़िये, कहीं से भी अपने फोन पर इंटरनेट का उपयोग मत कीजिए, कम से कम सार्वजनिक स्थानों के वाई फाई का उपयोग करते हुए सावधान रहिये, अपने फोन में ऐसा पासवर्ड रखिये जिसका अनुमान कोई न लगा सके, पॉपअप पर क्लिक मत कीजिये, अपडेट लगातार इंस्टॉल करते रहिये और इंटरनेट पर कितना डेटा खर्च हो रहा है इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

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गूगल देने जा रहा सबको पत्रकार बनने का मौका, google now introduce Bulletin app and everyone can publish their news

गूगल अब एक नए ऐप की टेस्टिंग कर रहा है जिसके लॉन्च होने के बाद कोई भी लोकल खबरों की रिपोर्टिंग कर सकेगा और खबरों को पब्लिश कर सकेगा। गूगल ने अपने इस एप्प को Bulletin नाम दिया है।यह एप्प फ्री में उपलब्ध होगा और इसका साइज भी कम होगा जिससे बिना वेबसाइट, या ब्लॉग क्रिएट किये फ़ोटो, वीडियो क्लिप, टेक्स्ट को आसानी से पब्लिश किया जा सके।
    रियल टाइम में पोस्ट अपडेट करना, फोटो को जोड़ना जैसा कि स्टोरी की डिमांड है, इसमें सब किया जा सकेगा। बुलेटिन में कोई भी अपने क्षेत्र विशेष की न्यूज़ को पब्लिस कर सकता है। कई बार बड़ी खबरों के चलते लोकल प्रेरणादायक खबरों से लोंगो की पहुँच कम हो जाती है। अभी यह एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में नैशविले में, टेनेसी, ओकलैंड और कैलिफोर्निया में शुरू की गई है। इस ऐप को लेकर गूगल का कहना है कि वह लोकल कवरेज को बढ़ाना चाहता है। नैशविल्ले में बुलेटिंन फीचर के लॉन्चिंग का एक वीडियो भी यूट्यूब पर अपलोड किया गया है। यह ऐप भारत में कब लॉन्च किया जाएगा इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। गूगल ने उल्लेख किया है कि बुलेटिन कहानियां सार्वजनिक हैं और गूगल सर्च के माध्यम से, सोशल नेटवर्क पर साझा किया जा सकता है, या ईमेल और मैसेजिंग ऐप में लिंक के रूप में भेजा जा सकता है। यह ऐप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों के लिए उपलब्ध रहेगा। बुलेटिन जैसी सुविधा स्थानीय संवाददाताओं और समाचार आउटलेटों की मदद करने के लिए एक बड़ी पहल है। इस बीच गूगल को ट्विटर के साथ प्रतिस्पर्धा करना पड़ता है, जो पहले से ही त्वरित और ब्रेकिंग न्यूज़ करता है। गूगल ने बुलेटिन ऐप को लेकर अपने ब्लॉग में कहा है कि अगर आप फोटो क्लिक करने और मैसेज भेज सकते हैं तो आप बुलेटिन स्टोरी आराम से क्रिएट कर सकते हैं।

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