क्या सच में बंद होने जा रहा है फेसबुक, facebook is not shut down, dont believe in rumours

फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने रविवार के अखबार में एक बार फिर माफी मांगी है। जकरबर्ग ने अमेरिका और ब्रिटेन के अखबारों में अपना माफीनामा छपवाया है। इसमे लिखा है कि हम आपकी जानकारी को सुरक्षित नही रख पाए हमे इसका बहुत दुख है। हम ऐसी गतिविधियों पर लगातार कार्यवाही करते रहेंगे जो फ़ेसबुक का डेटा लीक करती हैं। हम ऐसीं सभी एप की जांच कर रहे हैं जो ये काम कर सकती हैं।

हमे अपने मोबाइल में थर्ड पार्टी एप्प को डाउनलोड करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, हमे अपनी लोकेशन की परमिशन, फ़ोटो गैलेरी, कांटेक्ट देखने की परमिशन आदि नही देनी चाहिए। इसके अलावा हमे इंटरनेट चलाते समय कई लिंक आती हैं कि आप कब मरने वाले हैं, आपकी किस व्यक्ति से शादी होगी, आप पैसे वाले कब बनने वाले हैं आदि लिंक हमारी प्राइवेट जानकारी को लीक कर सकती हैं। कई बार ये हमसे हमारी जन्म की तारीख पूछते हैं हमे ध्यान रखना चाहिए कि ये हमारी जानकारी का उपयोग साइबर क्राइम में भी कर सकती हैं।
फेसबुक के बारे में दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म वाले अफवाहे उड़ा रहे हैं कि फेसबुक बन्द हो रहा है, कुछ लोग बोल रहे हैं कि इसमें BFF लिखने के बाद कलर चेंज नही हो रहा है तो आप अपने फेसबुक को पहले अपडेट कर ले यह तो फेसबुक का ही फ़ीचर है, इससे घबराने की कोई जरूरत नही है। इस तरह की अफवाहें लोग उड़ाते ही रहते है पर आप फेसबुक में अपनी व्यक्तिगत जानकारी कम ही रखे और इसमें मोबाइल नंबर लगाने से बचें और इसके लॉगिन में सेकंड स्टेप वेरीफिकेशन को चालू कर दे। कैम्ब्रिज एनालीटिका पर 5 करोड़ यूजर का डेटा लीक होने का आरोप लगा है कि उसने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद की है।

इस तरह से फेसबुक के टर्नओवर पर भी नुकसान हो रहा है। जकरबर्ग को 6 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है और कंपनी की संपत्ति में 40 अरब डॉलर की गिरावट आई है। फेसबुक जैसे बड़े प्लेटफॉर्म की जानकारी लीक हो सकती है तो हमारी अन्य एप्प की जानकारी भी सुरक्षित नही है। फेसबुक जैसी घटना डेटा चोरी में पहली घटना नही है और न ही आखिरी, हमे स्वंय को ही संभालना होगा।

सरकार एक बड़ी योजना ला रही है जिससे 50 करोड़ लोगों को फायदा होगा, government bring a plan it benefit 500 milion people

आयुष्मान भारत एक बड़ी योजना के रूप में उभर रही है। जब यह सफलता पूर्वक लागू हो जायेगी तो यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ योजना होगी। अगर हम इसे दूसरे देशों से तुलना करें तो अमेरिका की ओबामा केयर भी लागू की गई थी जिसमे मात्र 15 प्रतिसत लोगो को स्वास्थ बीमा दिया गया था जबकि आयुष्मान भारत योजना में भारत की 40 प्रतिसत जनता को इसका लाभ होगा, अब आप सोचिए कि यह कितनी बड़ी योजना है। कुछ लोग इसे मोदी केयर का नाम भी दे रहे हैं। वर्ष 2018-19 के लिए स्वास्थ्य के बजट की राशि 52800 करोड़ रुपये है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी 24280 करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराई गई है जिसे वहाँ की बुनियादी स्वस्थ सेवाओं के लिये खर्च किया जाएगा।

इस योजना को 10 करोड़ परिवार यानी कि लगभग 50 करोड़ लोगों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 2000 करोड़ का बजट भी रखा गया है। इस योजना को अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत लोग सरकारी अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में भी अपना इलाज करवा पायेगें और इसका भुगतान सरकार कैशलेस तरीके से करेगी। आने वाले समय मे इस योजना का विस्तार करके सबके लिए लागू की जाएगी जिससे इसका लाभ गरीब लोगों के अलावा भी सब ले सके।

क्या आप भी टाइम ट्रेवल करना चाहते है, क्या ये सच है, you want to time travel

सभी लोग करना चाहते है और सबके पास अपने अलग-अलग कारण हैं। जैसा कि हमे फिल्मो में दिखाया जाता है हम अपने पास्ट में की गई गलती को सुधारने के लिये पुराने समय मे चले जाते हैं और उसके बाद वह गलती आज के समय मे भी मिट जाती है। क्या वास्तव में हम टाइम ट्रेवल कर सकते हैं। महाभारत में भी टाइम ट्रेवल के बारे में उल्लेख किया गया है। यह 400 BC पहले लिखा गया था। इसकी एक घटना जो एक राजा और उसकी बेटी पर आधारित है जो अपनी बेटी के लिए सुयोग्य वर की तलाश कर रहा था। रेवती राजा कुमुद की एकमात्र बेटी थी, जिसका समुद्र के नीचे एक शक्तिशाली कुसस्थली राज्य था। उसे अपनी बेटी के लिए कही भी सुयोग्य वर नही मिला तब वह रेवती को लेकर ब्रह्मलोक गया। जब वह ब्रह्म लोक गया तो उनकी सभा मे संगीत चल रहा था उसने थोड़ी देर रुक कर संगीत के बंद होने का इंतजार किया और उसके बाद भगवान ब्रह्मा से उसके लिए सुयोग्य वर की तलाश के बारे में बताया।

भगवान ब्रह्मा ने बताया कि जो राजकुमार आपकी बेटी के लिए सुयोग्य थे, वह अब तक तो मर चुके होंगे और उनके पुत्र और परपौत्र उनके मित्रों का भी निधन हो चुका होगा। समय हर जगह अलग-अलग तरीके से व्यतीत होता है जितने समय तक तुम यहाँ बात कर चुके हैं तब तक 27 चातुर्युग बीत गए हैं। कुमुदिनी से संबंधित सारी चीज़ें उसके मित्र, उसके बेटे, खजाना आदि सब नष्ट हो चुके हैं। यह सुनकर उन्हें बहुत दुख हुआ तब ब्रह्मा जी ने उन्हें सांत्वना दी और कहा कि कृष्ण के भाई बलराम उनके लिए सुयोग्य वर हैं। आइंस्टीन के द्वारा प्रस्तावित सापेक्षता के सिद्धांत में कहा गया है कि यह दोनों ही चीजे गुरुत्वाकर्षण बल और उसके सापेक्ष गति पर निर्भर करती हैं। क्योंकि राजा ने ब्रह्मा के सामने कुछ ही मिनट बिताए थे और इतने ही समय मे पृथ्वी पर बहुत समय बीत गया था। उसी तरह आइंस्टीन ने कहा कि समय देखने वाले के अनुसार परिवर्तित होता है यह दर्शक की गति और गुरुत्वाकर्षण की शक्ति पर निर्भर करता है। हिंदू दर्शन भी इस अवधारणा से परिचित था कि समय सापेक्ष है और वैदिक ग्रंथों के कई अंश लगातार इंगित करते हैं कि देवताओं का समय काल पृथ्वी के समय से भिन्न है।राजा और उनकी बेटी दो समय यात्रियों थे।
हालांकि आज के विज्ञान के हिसाब से भविष्य में जाया जा सकता है। यदि हम प्रकाश की गति से जाए और किसी ब्लैक होल पर कुछ समय व्यतीत करे तो यह पृथ्वी और बिताये कई सालों के बराबर होगा। ब्लैक होल पर अधिक गुरुत्वाकर्षण बल के कारण समय थम सा जाता है। पर इससे आज के समय मे वापस नही आ पायेंगे क्योंकि जब तक बहुत साल गुजर चुके होंगे। पर जब लौटेंगे तो आप अपने आपको पास्ट यानी कि बहुत पुराने समय से आये लगेंगे क्योंकि पृथ्वी पर कई साल निकल चुके होंगे और लोग आपको टाइम ट्रैवलर मानेगें।

आधार की सुरक्षा को तोड़ने के लिए ब्रह्मांड की ताकत चाहिए, जाने इससे जुड़े सवाल, Adhar card data is save dont believe in rumours

हम समय-समय पर आधार के डेटा लीक होने की खबरे सुनते रहते हैं इनमें से ज्यादातर खबरे झूठी होती हैं। इस तरह की अफवाहें उड़ाई जाती हैं। आप किसी भी अफवाहों पर ध्यान न दे, ये सब लोगो को परेशान करने के लिए अफवाहें उड़ाई जाती हैं। आप स्मार्टफोन यूजर हैं तो आप बॉयोमेट्रिक डेटा को लॉक कर दे, एम आधार एप्प का यूज़ करके। किसी अन्य को आधार से जुड़ी कोई जानकारी न दें।
हमारा चिंता करना सही भी है क्योंकि आजकल हर चीज आधार से लिंक है। डेटा लीक के संबंध में यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार इंस्क्रिप्शन को भेदने के लिए पूरे ब्रह्मांड की ताकत चाहिए। यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने बताया कि आधार का बॉयोमेट्रिक डेटा पूरी तरह सुरक्षित है।यह 2048 बिट एन्क्रिप्टेड है जो कि सामान्य एन्क्रिप्शन से आठ गुना अधिक सुरक्षित है। बिना किसी की परमिशन के जानकारी किसी को भी नही दिया जाता, यहाँ तक कि सीबीआई को भी डेटा देने से मना कर दिया गया है।
डेटा साझा करने के लिए जिला कोर्ट से परमिशन ली जाती है। डाकघर, बैंक और जेलों में भी आधार कार्ड बनाये जायेगें। हम आधार से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए आधार की वेबसाइट और टोल फ्री नंबर 1947 पर कॉल कर सकते हैं। इससे जुड़ी किसी भी सेवा का अधिकतम चार्ज 30 रुपये है। बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के माता और पिता किसी एक के आधार से जोड़ा जाता है

ये 10 चीजें आपके फ़ोन में जरूर होना चाहिए, these application must have in your phone

आजकल सभी के पास स्मार्टफोन होते हैं। हमारी जरूरत को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ने भी कई एप्पलीकेशन लांच किए हैं जो हमारे लिए बड़े काम के होते हैं।

स्वच्छ भारत अभियान- यह एप्प अपने आसपास साफ-सफाई रखने में हेल्प करती है। इसमें हम कचरे या जहां पर सफाई की जरूरत हो उस जगह का फोटो लेकर सर्वर पर डाल देते हैं। जिससे फोटो केसाथ हमारी लोकेशन भी पहुँच जाती है। जिससे स्वच्छकर्मी उस जगह की सफाई कर देते हैं।

उमंग एप- इसके द्वारा हम पीएफ खाते के अलावा बहुत सारे काम मोबाइल से ही निपटा सकते हैं। यह यूनिफाइड मोबाइल एप्लीकेशन फॉर न्यू ऐज गवर्नेंस के द्वारा बनाया गया है। प्रशासन से जुड़े विभागों के 100 से ज्यादा काम घर बैठे अपने मोबाइल फोन से निपटा सकतें हैं।
  एम पासपोर्ट- इसके द्वारा हम पासपोर्ट से संबंधित सेवाएं जैसे एप्पलीकेशन की स्टेटस चेक करना, पासपोर्ट केंद्र का पता लगाना आदि जानकारी मिलती हैं।

एम आधार एप्प- इसके द्वारा हम आधार कार्ड से जुड़ी सेवाओ का लाभ ले सकते हैं। इससे हम अपनी बॉयोमेट्रिक पहचान को लॉक और अनलॉक कर सकते हैं। इसे हम ekyc के तौर पर भी उपयोग कर सकते हैं।

पोस्टइन्फो- यह पोस्ट ऑफिस डिपार्टमेंट ने बनाई है। इससे पार्सल ट्रैकिंग , पोस्टेज कैलक्युलेटर, इन्शुरेन्स प्रीमियम कैलक्युलेटर और इंटरेस्ट कैलक्युलेटर आदि काम कर सकते हैं। पोस्ट डिपार्टमेंट द्वारा दी जाने वाली बीमा पॉलिसी की जानकारी भी ले सकते हैं।

माय गवर्नमंट- इससे यूजर गवर्नमेंट की सेवाओं के बारे में अपनी राय दे सकते हैं। यह आम जनता को सरकार से डायरेक्ट जोड़ने का प्लेटफॉर्म है। इसमें यूजर्स नीति तैयार करने और कार्यक्रम कार्यान्वयन में भी हिस्सा ले सकते हैं।

माय स्पीड- अपने इंटरनेट की स्पीड मापने के काम आती है। इसमें नेटवर्क सही ना होने पर यूजर के पास शिकायत करने का विकल्प भी मौजूद होता है।

एम कवच- इससे हम अपने मोबाइल की एप्पलीकेशन को लोक कर सकते हैं और स्पैम एसएमएस को ब्लॉक कर सकते हैं। इस एप के द्वारा निजी जानकारी चुराने वाले मालवेयर से भी बचा जा सकता है।

भीम एप- यह बड़े काम की एप्प है। इससे हम किसी भी बैंक से दूसरे बैंक में अपनी धनराशि भेज सकते हैं।भीम एप द्वारा आप पेटीएम की तरह क्यूरआर कोड को स्कैन कर शॉपिंग मॉल में सीधे अपने बैंक अकाउंट से पेमेंट कर सकते हैं।

आयकर सेतु- इससे हम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़ी हुई सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। इससे हम अपने सवाल कर उसके जबाब भी ले सकते हैं। इसमें ऑनलाइन टैक्स भरना , पैन के लिए अप्लाई करना और टैक्स कैलक्युलेटर आदि फ़ीचर दिए जाते हैं।

दुनिया के सबसे सस्ते शहरों की लिस्ट आ गई है, सिंगापुर है सबसे मंहगा, list of top coastly and cheifly country to live

दुनिया के सबसे सस्ते शहरों की लिस्ट आ गई है। सस्ते शहरों के मामले में भारत के तीन शहर नई दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई भी शामिल किए गए हैं, जबकि सिंगापुर सबसे मंहगा शहर बताया गया है। यह लिस्ट ईकोनोमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट (EIU) द्वारा वर्ल्डवाइड कोस्ट ऑफ लिविंग 2018 के सर्वे में आई है। इसमें सीरिया की राजधानी दमिश्क को सबसे सस्ता शहर बताया गया है। भारत मे लोगो की आय में काफी ज्यादा असमानता है। आज भी लोगो को अपना घर चलाने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। भारत के तीन शहरों को दुनिया के 10 सबसे सस्ते शहरों में शामिल किया गया है। दक्षिण एशियाई शहर, विशेषकर भारत और पाकिस्‍तान के शहर काफी ज्‍यादा सस्ते हैं। सबसे सस्‍ते 10 शहरों में दमिश्‍क के बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर वेनेजुएला की राजधानी कराकास और कजाखस्तान का अल्‍माटी है। इस लिस्‍ट में लागोस को चौथा, बेंगलुरु को पांचवां, कराची को छठां, अल्‍जीर्स को सातवां, चेन्‍नई को आठवां, बुखारेस्‍ट को नौवां और नई दिल्‍ली को 10वां स्‍थान दिया गया है।
  दुबई महंगे शहरों के मामले में आठवें नंबर पर हैं। किराए के लिहाज से महंगे शहरों की सूची में तीसरे पायदान पर लंदन है। श‍िकागो सबसे महंगे शहरों की सूची में पांचवे स्थान पर आया है। इस सूची में चौथी बार सिंगापूर सबसे महंगा शहर रहा है। दूसरे नंबर पर हांगकांग है जबकि तीसरे और चौथे नंबर पर ज़्यूरिख़ और टोक्यो है। न्यूयॉर्क इस सूची में फिसल कर नौवे स्थान पर आ गया है और इस सूची में यूरोप के केवल दो शहरो को जगह मिली है जिसमे कोपनहेगन और पेरिस शहर शामिल है।

आपका मोबाइल भी ले सकता है आपकी जान, जानें इसके दुष्प्रभाव और इससे बचाव, your mobile is very harmful effect keep precaution

हमे हर समय अपने मोबाइल से ही चिपके रहते हैं, जैसे कि इसमें कोई खजाना छिपा हो। इस प्रकार की आदते हमें एक बड़े खतरे में डाल सकती हैं। आप लोग तो जानते ही हैं इससे रेडिएशन निकलता है। खासतौर पर गेम और नेट चलाने के लिए मोबाइल का उपयोग नही करना चाहिए।

कहाँ नही रखना चाहिए अपने मोबाइल को- अपनी शर्ट की जेब में रखने से यह हृदय के लिए खतरनाक है, तकिये के नीचे दिमाग और पैंट की जेब मे स्पर्म के लिए हानिकारक होता है।
मोबाइल फोन से होने वाले हानिकारक प्रभाव- थकान का अनुभव होना, सिरदर्द की परेशानी होना और नींद न आना, चक्कर आना, इसके रेडिएशन से डिप्रेसन में भी जाने का खतरा रहता है। मोबाइल के रेडिएशन से आपके कानों की सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसके अलावा स्मरण शक्ति का कमजोर होना और आपकी पाचन में गड़बड़ी भी मोबाइल के बड़े नुकसानों में से हैं। मोबाइल रेडिएशन के प्रभाव में लंबे समय तक रहने से प्रजनन क्षमता में कमी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और गर्भपात की आशंकाऐं भी हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन आधे घंटे या उससे ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करने पर कुछ ही सालों के अंदर आपको ब्रेन ट्यूमर होने की आशंका बढ़ जाती है।

इससे कैसे बचा जाए- आप फेराइट बीड, जो की रेडिएशन को सोख सकता है, को लगा सकते हैं और यह आसानी से मिल जाता है।

रेडिएशन ब्लॉक ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यह एक खास तरह का सॉफ्टवेयर होता हैं, जो एक खास समय तक के लिए वाईफाई, ब्लू-टूथ, जीपीएस या ऐंटेना जैसी चीजों को ब्लॉक कर सकता हैं।

आप मोबाइल फोन रेडिएशन शील्ड का उपयोग भी कर सकते हैं।

मरने से ठीक पहले दिमाग क्या सोच रहा होता है, just before death our brain thinking

मौत के समय आदमी के दिमाग मे क्या चल रहा होता है। किसी को इस बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है, कुछ जानकारी वैज्ञानिकों को पता है, फिर भी यह एक राज ही है। प्रयोगों से मृत्यु के तंत्रिका के बारे में रोचक जानकारी भी मिली है। बर्लिन की चेरिट यूनिवर्सिटी और ओहायो की सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने जेन्स द्रेयर के निर्देशन में ऐसे प्रयोग किये हैं। उन्होंने रोगियों के तंत्रिका तंत्र की अच्छे से निगरानी की। ये लोग या तो भीषण सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे या स्ट्रोक और कार्डिएक अरेस्ट का शिकार हुए थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि पशु और मनुष्य दोनों के मस्तिष्क मृत्यु के समय एक जैसे व्यवहार करते हैं, एक समय पर तो दिमाग आभाषी रूप से कार्य करने लगता है।
   इस प्रयोग का उद्देश्य भी यही था कि मृत्यु के समय दिमाग कैसे कार्य करता है, किसी को जीवन के अंतिम समय में कैसे बचाया जा सकता है। हम जानते हैं कि मृत्यु के समय रक्त का प्रवाह रुक जाने के कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। सभी जरूरी आयन मष्तिष्क की कोशिकाओं को छोड़कर अलग हो जाते हैं, जिससे एटीपी की आपूर्ति कमज़ोर पड़ जाती है। एटीपी ही हमारी ऊर्जा की करेंसी है, हमारी ऊर्जा इसी रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है। इसके बाद टिश्यू रिकवरी नही हो पाती है।वैज्ञानिकों ने पाया कि नौ में से आठ रोगियों के मस्तिष्क की सेल्स मृत्यु को रोकने की कोशिश कर रहीं थी। हृदय की गति रुक जाने के बाद भी मस्तिष्क की कोशिकाएं और न्यूरॉन काम कर रहे थे। यह प्रक्रिया पूरे मस्तिष्क में एक साथ होती है, इसे अनडिस्पर्स्ड डिप्रेशन कहा जाता है। इसके बाद की स्थिति को डिपोलराइज़ेशन ऑफ डिफ्यूजन कहते है, जिसे आम भाषा में सेरेब्रल सुनामी भी कहते हैं। इलेक्ट्रोकैमिकल बैलेंस की वजह से मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं जिससे बड़ी मात्रा में थर्मल एनर्जी रिलीज़ होती है, इसके बाद मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। डिपोलराइज़ेशन को ऊर्जा की आपूर्ति करके मृत्यु को रोका जा सकता है। इसमे अभी बहुत शोध किये जाने बाकी है। इनमें से कई सवालों के जबाव ढूंढना है, जिसके लिए बहुत सारी जटिल प्रयोग और जानकारी एकत्रित किये जाने है।

अब देश छोड़कर नहीं भाग पायेगें माल्या-मोदी जैसे लोग, सरकार ने लिया बड़ा फैसला, Indian government make a law against willful defaulter

विजय माल्या और नीरव मोदी जैंसे मामले सामने आने के बाद सरकार इस तरह के केसों पर रोक लगाने की कोशिश कर रही है। बैंक को ये निर्देश दिया गया है कि जिसने भी 50 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया है, उसका पासपोर्ट का विविरण अपने पास रखें, जिससे कि कोई कर्जदार भागने की कोशिश करे तो उस पर रोक लगाई जा सके। इसके अलावा कर्ज के फार्म में भी बदलाव किया गया है। पिछले हफ्ते मंत्रिमंडल ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 को मंजूरी दी थी। इससे ऐसें लोगों के खिलाफ तेज़ी से कार्यवाही होगी, साथ ही उनकी संपत्ति और बेनामी सम्पत्ति भी जब्त की जाएगी।
आखिर नीरव मोदी को इतना कर्ज दिया क्यों था- ये पीएनबी से बायर्स क्रेडिट लिया करते थे। बायर्स क्रेडिट 90 से 180 दिन का उधार होता है जो इंटरनेशनल बैंक इंपोटर्स को देते हैं। बायर्स क्रेडिट का आधार होता है बैंक का अपने कस्टमर को दिया गया लेटर ऑफ कम्फर्ट। लेटर ऑफ कम्फर्ट से तय होता है कि उसकी क्रेडिट हिस्ट्री क्या है, वह कितना पैसा चुका सकता है, उसका पिछला लेन-देन कैसा रहा है। इस तरह के लेटर ऑफ कंफर्ट कंपनी को पहले से ही मिलते रहे हैं जबकि बैंक में इसका कोई रिकॉर्ड ही नही था। यह बैंक के दो अधिकारी फर्जी ही जारी कर रहे थे, जिसके आधार पर कंपनी इंटरनेशनल बैंक की शाखाओं से लेटर ऑफ क्रेडिट लेती रही।

विजय माल्या की कंपनी का घाटा साल-दर-साल बढ़ता रहा। वह बैंकों से कर्ज लेता रहा। उस पर बकाया कर्ज 9000 करोड़ रुपए तक हो गया। उनके ट्रेडमार्क सीज किए गए। लेकिन पूरी रिकवरी नहीं हो पाई। बार-बार गुजारिश के बावजूद बैंकों ने माल्या को फ्रॉड घोषित कर शिकायत दर्ज नहीं कराई। जांच एजेंसी ने अपनी पहल पर ही केस दर्ज किया। वकीलों ने 1 मार्च को उसके देश छोड़कर भागने की आशंका जताते हुए उसके पासपोर्ट जब्त करने की मांग की थी, पर इसे नामंजूर कर दिया गया और उसके खिलाफ कोई वारंट न होने के कारण वह भागने में सफल हो गया।

जियो यूजर्स के लिए खुशखबरी, क्रिकेट प्रेमियों को मिलेगा एक बड़ा फायदा, now jio customer get a more language and camera anglen on cricket

जियो यूजर अब श्रीलंका में होने वाली निधास ट्रॉफी में एक नए फ़ीचर उपयोग कर पाएंगे। यूजर्स ये खुद निर्धारित कर सकेंगे कि उन्हें किस ओर से मैच देखना है। वो जिस कैमरे से, जिस एंगल से मैच देखना चाहते हैं, उसका चयन अपने अनुसार कर सकते हैं।
    आकाश अंबानी ने इस बारे में खुद बताया कि जियो टीवी एप पर यूजर्स जिस एंगल, जिस भाषा में चाहे क्रिकेट का मजा ले सकते हैं। इस फीचर से क्रिकेट देखने का अंदाज़ ही बदल जायेगा। इसमें 5 अलग-अलग कैमरा दिए जाएंगे और इसमें हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू और कन्नड़ जैसीं भाषा का चयन कर सकते हैं। आप मैच की रिकॉर्डिंग, हाइलाइट्स जैसी चीजें भी अपने अनुसार देख सकेंगे।

जानिये किस देश पर कितना कर्ज है और भारत का कौन सा नंबर आता है, Different country loan status

जब हम भारत की अर्थव्यवस्था की बात करते हैं तो उसकी जीडीपी की बात करते है। बहुत से लोग यह जानना भी चाहते हैं कि हमारे देश पर कितना कर्ज है, अगर गणना की जाए तो एक व्यक्ति पर कितना कर्ज आएगा। हमारा देश प्रति व्यक्ति कर्ज के मामले में 24 वें नंबर पर आता है।

दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका की है और इस पर भी 18,624,000,000,000 डॉलर का कर्ज है जो भारतीय रुपये में 1,21,28,88,00,00,00,000 के बराबर होती है।

रूस भी दुनिया की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक है और उस पर भी 537,458,000,000 डॉलर का कर्ज है। हम प्रति व्यक्ति कर्ज की बात करें तो 3 हजार 700 डॉलर का कर्ज है जो भारतीय मुद्रा में 24 लाख 880 रुपये के बराबर है।

ब्रिटेन दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है इस पर 7,852,460,000,000 डॉलर कर्ज है। यहां पर प्रति व्यक्ति 1लाख 19 हजार डॉलर का कर्ज है, जो 77 लाख 47 हजार भारतीय मुद्रा के बराबर है।

जापान दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस पर 3,516,200,000,000 डॉलर का कर्ज है और यह प्रति व्यक्ति 27 हजार 600 डॉलर के बराबर है, जो कि 27 लाख 96 हजार भारतीय मुद्रा के बराबर होता है।

चीन भी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। 1,562,800,000,000 डॉलर का कर्ज है। प्रति व्यक्ति 1 हजार 100 डॉलर यानी कि 71 हजार रुपये के बराबर है।

भारत के इन खंडहरों में आज भी छिपा है बहुमूल्य खजाना, these fort of india have a lots of money hidden

भारतीय भूमि पर कई सदियों पर राजा और महाराजाओं का राज रहा है। ऐतिहासिक किले, महल और दुर्ग भी इन्ही सम्राटों ने बनवाये हैं। यहां पर कई सम्राट ने राज्य किया, कुछ अधिक समय तक शासन कर पाए तो कुछ का शासन कम समय मे ही समाप्त हो गया। राजा-रजवाड़ो की यह भूमि किसी समय अफगानी क्रूरता का शिकार भी हुई है और इसके सबूत आज भी खंडहरों के रूप में मिलते हैं। कुछ शासक अपने विस्तार के लिए लूट- पाट, मार-काट भी करते थे, जिसके फलस्वरूप इनके पास बहुत सारा धन हुआ करता था। भारत को बहुत बार विदेशियों ने लूटा है, वह धन को अपने साथ भी लेकर गए हैं। कुछ शासकों ने धन छुपा भी दिया है। कई राजा और महाराजा भी अपना धन किसी गुप्त जगह पर भी रखते थे, जिससे जरूरत आने पर इसका उपयोग किया जा सके। आज हम उन जगहों के बारे में बताते हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि यहाँ पर खजाना गड़ा हुआ है।

नादिर शाह का खजाना- फारस का राजा भारत को जीतने के लिये निकला था। उड़ने काबुल के बाद दिल्ली पर आक्रमण किया। उसने दिल्ली के मुगल बादशाह मुहहम्मद शाह आलम को हराकर दिल्ली पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने दिल्ली में कत्ले आम शुरू कर दिया था और हजारों निर्दोष लोगों को मार दिया था।नादिर ने बहुत लूटपाट की थी और वह आने साथ बहुत सारी धन-संपदा को साथ ले गया था। वह अपने साथ मयूर सिंहासन और कोहिनूर भी ले गया था। बहुत ज्यादा खजाना होने के करण उसके सैनिकों ने कुछ हिस्सा यहीं छिपा दिया था, जिसका आज तक कोई पता नही लगा पाया।
  गोलकुण्डा का खजाना- गोलकुंडा साउथ इंडिया का सबसे ध्वस्त किला है। इस किले पर कई शासकों ने राज्य किया। यह दुर्ग किसी समय मे बहुमूल्य खजानों के लिए जाना जाता था। यहाँ पर हीरे-मोतियों का बाजार लगता था तथा यहां पर हीरे की खाने भी थी, जहाँ से बहुमूल्य हीरे निकाले जाते थे। दुनिया का सबसे सुंदर हीरा कोहिनूर गोलकुंडा की खान से ही निकला था। इस किले कई आक्रमण होने के कारण यहां की खानों का कोई अस्तित्व नही रह गया है। फिर भी माना जाता है कि अब भी यहाँ बहुत सारा खजाना है।

मगध का खजाना- मगध पर पहले बिम्बिसार का शासन था। बिम्बिसार हर्यक वंश का था, जिसने मगध पर 542 से लेकर 492 ईपूर्व तक राज किया। उसने वैवाहिक संधियों और विजय अभियान के माध्यम से मगध का सम्मान और प्रसिद्धि को बहुत बढ़ाया। उसके पुत्र अजातशत्रु ने सत्ता के लालच में अपने पिता की हत्या कर दी। आज भी बिहार के राजगीर में बिम्बिसार का गुप्त खजाना छिपा हुआ है।

जयगढ़ का खजाना- महाराजा मान सिंह आमेर के राजपूत राजा थे। मान सिंह द्वारा जयगढ़ के किले में युद्ध से जीता हुआ खजाना छुपाया गया था। पर उस जगह का आज तक पता नहीं लग पाया है। मानसिंह मुगल सेना का प्रधान सेनापति भी था। इसने कई राज्यों को जीता कर अधीन कर लिया था। उसने अफगानिस्तान में भी अपनी विजय पताका को लहरा दिया था। जयगढ़ के किले के तहखानों में अरबों-खबरों का खजाना गढ़ा है। यह बात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा को पता चली तो उन्होंने भी खजाने ढूंढने में कोई कसर न छोड़ी।
   मोक्कम्बिका मंदिर का खजाना- कर्नाटक के कोलूर में स्थित मोक्कम्बिका मंदिर में भी खजाना होने की बातें लोगों के द्वारा कही गई हैं। जानकारों के मुताबिक यहां सांपों के कुछ खास निशान पाए गए हैं। और ऐसा माना जाता है कि सांप खास चीजों की ही रक्षा करते हैं।