हम ट्रेवल करते हैं, पर हमारा सामान सही गंतव्य तक नही पहुँच पाता है तो इस तरह के इंश्योरेंस कवर एयरलाइन को जवाबदेह बनाते हैं कि वो आपके सामान में हुए किसी भी प्रकार के नुकसान होने की स्थिति में आपको मुआवजा दे। ऐसी स्थिति में हमे शिकायत जरूर करानी चाहिए और आगे की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।
एलपीजी सिलेंडर पर भी 40 से 50 लाख तक का बीमा मिलता है- एलपीजी सिलेंडर से दुर्घटना होना सामान्य बात नहीं है लेकिन लोगों को यह जानकारी नहीं होती है कि ऐसा होने की स्थिति में वो संपत्ति और शरीर को हुए नुकसान के होने में इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं। समान्यतः गैस एजेंसियां ग्राहकों को इसकी जानकारी नहीं देती हैं। सभी रजिस्टर्ड एलपीजी गैस सिलेंडर उपभोक्ता इस तरह की दुर्घटना होने की स्थिति में इंश्योर्ड होते हैं। गैस सिलेंडर पर मिलने वाले इंश्योरेंस का कवर 40 से 50 लाख तक होता है। सभी रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं को पंजीकृत आवास पर गैस सिलेंडर के कारण दुर्घटना की स्थिति में बीमा कवर की सुविधा दी जाती है। इसके कवर में परिवार के सभी सदस्य आते हैं।
बैंक डिपॉजिट- आपके बैंक में जमा रकम भी इंश्योर्ड होती है जिसकी कवर साइज 1 लाख रुपये तक होती है। परंतु यह कभी-केभी न के बराबर होती है। लेकिन जब बैंक डिफॉल्ट करते हैं और आपको पता चलता है कि आपकी बैंक में जमा राशि का 1 लाख का बीमा फ्री में उपलब्ध होता है। बैंक के सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड अकाउंट, करेंट अकाउंट और रेकरिंग अकाउंट के डिपाजिट इसके दायरे में आते हैं। यह इंश्योरेंस कवर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) जो कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ही एक कंपनी है की ओर से दिया जाता है।
मोबाइल फोन- आपके मोबाइल फोन पर भी इंश्योरेंस कवर उपलब्ध होता है और इसका कवर साइज फोन के मॉडल पर निर्भर करता है। इसके अंतर्गत बीमा कंपनियां खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से स्मार्टफोन के लिए ग्रुप कवर प्रदान करती हैं। लेकिन प्रस्तावित कवर में आकस्मिक क्षति और चोरी को शामिल नहीं किया जाता है।
कंपनी डिपॉजिट पर भी मिलता है फ्री कवर-डिपॉजिट पर भी फ्री इंश्योरेंस कवर की सुविधा मिलती है। इसका दायरा 20,000 रुपये तक होता है। कंपनी एक्ट 2013 के मुताबिक जो कि 1 अप्रैल 2014 से ही प्रभावी हो चुका है, कंपनियों को कॉर्पोरेट जमा के लिए 20,000 रुपये तक का बीमा कवर खरीदना होता है। ऐसा न होने की स्थिति में उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
एयर ट्रैवल पर भी मिलता है इंश्योरेंस कवर- आपके एयर ट्रैवल पर भी इंश्योरेंस कवर मिलता है, जिसका साइज इंश्योरर के आधार पर अलग अलग हो सकता है। अधिकतर कंपनियां लीगल लायबिलिटी (कानूनी देयता) कवर प्रदान करती हैं जिसके अंतर्गत यात्रियों को सामान की हानि के लिए मुआवजा दिया जाता है। मुआवजे की गणना 20 डॉलर प्रति किलो की दर से की जाती है। मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत सामान/हानि/ सामान पहुंचने में देरी के लिए अधिकतम मुआवजा प्रति यात्री 1,000 एसडीआर है
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