जिनकी शादी होने वाली है या हो चुकी है, उनके लिये काम के हैं ये फाइनेंशियल टिप्स

अगर आप शादी करने जा रहे हैं या फिर शादी को ज्यादा समय नही हुआ है तो आपके लिए आगे आने वाले जीवन के बारे में कुछ योजना बना लेना चाहिए। इस प्‍लानिंग में आप अपने पार्टनर को जरूर शामिल करें। यह कदम आपके सुखी एवं समृद्ध जीवन की नींव रख सकते हैं।

साझा फैसले- शादी के बाद फाइनेंशियल प्‍लानिंग हो या इन्‍वेस्‍टमेंट से जुड़े फैसले यह सभी फैसले आपको अपने पार्टनर के साथ सलाह करके ही करने चाहिए क्योंकि शादी के जो भी निर्णय लिए जाते हैं यह आपके पार्टनर को भी प्रभावित करते हैं। ऐसे समय पर अब आप कोई भी निर्णय पार्टनर को विश्‍वास में लेकर ही करें।

ज्‍वाइंट सेविंग अकाउंट- जब आप फाइनेंशियल प्‍लानिंग या इन्‍वेस्‍टमेंट से जुड़े निर्णय ले रहे हैं तो आपका एक ज्‍वाइंट सेविंग अकाउंट भी होना चाहिए। इससे आप दोनों को अपनी सेविंग के बारे में अच्छा आइडिया रहेगा।

नॉमिनेशन- शादी के पहले आपके सेविंग अकाउंट, पीएफ अकाउंट या इन्‍श्‍योरेंस में माता पिता या फिर किसी और का नाम रहता होगा। शादी के बाद आप इसे अपडेट कर सकते हैं। आप अपने पार्टनर को नॉमिनी का अधिकार दे सकते हैं।

हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस- अगर आप ने अब तक हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस नहीं कराया है तो शादी के बाद आप ज्‍वाइंट हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस पर विचार कर सकते हैं। आने वाले समय में जब आपके परिवार में नए सदस्‍य आएगा तो आप उसे भी हेल्‍थ इन्‍श्‍योरेंस पॉलिसी में जोड़ सकते हैं।

टर्म इन्‍श्‍योरेंस- शादी के बाद आप टर्म इन्‍श्‍योरेंस पर विचार कर सकते हैं। टर्म इन्‍श्‍योरेंस कम प्रीमियम में ज्‍यादा लाइफ कवर देता है। आप जितनी जल्‍द टर्म इन्‍श्‍योरेंस कराते हैं यह उतना ही सस्‍ता पड़ता है। टर्म इन्‍श्‍योरेंस कवर पॉलिसीधारक की अचानक मौत होने पर परिवार को एक निश्चित राशि कवर के तौर पर प्रदान कराता है।

इमरजेंसी फंड- अगर दोनों पार्टनर वर्किंग हैं तो आप दोनों को मिल कर एक इमरजेंसी फंड बनाने पर विचार करना चाहिए। अगर आप अकेले वर्किंग हैं तो आपके लिए इमरजेंसी फंड की जरूरत और बढ़ जाती है। आप शुरूआत में 6 माह के खर्च के लायक एक इमरजेंसी फंड बना सकते हैं। बाद में इसे बढ़ा कर 12 माह के खर्च तक कर सकते हैं।

ड्रीम हाउस के लिए शुरू करें प्‍लानिंग- हेल्‍थ इन्‍श्‍यारेंस, टर्म इन्‍श्‍योरेंस और इमरजेंसी फंड के बाद अब आप को अपना ड्रीम हाउस खरीदने के लिए प्‍लानिंग करना चाहिये। ड्रीम हाउस खरीदने के लिए आपको डाउनपेमेंट के लिए एक निश्चिम राशि की जरूरत होगी। इसके अलावा आपको यह ध्‍यान रखना चाहिए कि अगर आप होम लोन लेते हैं तो आपकी सैलरी का 30 से 35 प्रतिसत अमाउंट ही ईएमआई के तौर पर जा सकता है इससे ज्यादा की राशि देने से आपके सामने कई बार परेशानी खड़ी हो सकती है और ईएमआई भरने में भी दिक्कत आ सकती है। आप को इन सभी चीजों का ध्‍यान रखते हुए ड्रीम हाउस खरीदने के बारे में निर्णय कर लेना चाहिए।

विदेश में हॉलीडे के लिए प्‍लानिंग- शादी के बाद हर किसी का सपना होता है कि आप विदेश में जाकर छुट्टियां मनाये। विदेश जाने के लिए बहुत अधिक पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में आप इसके लिए अलग से सेविंग शुरू कर सकते हैं। इससे आप विदेश में हॉलीडे का सपना आसानी से पूरा कर सकेंगे। इसके अलावा आप देश मे ही किसी खास डेस्टिनेशन पर जाने का विचार भी कर सकते हैं।

लॉंग टर्म के‍ लिए करें सेविंग- शादी के बाद आपको अपनी सैलरी से एक निश्चित प्रतिसत राशि को लॉंग टर्म की जरूरतों के लिए बचाकर रख लेना चाहिए। इसके लिए आप सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लानिंग के जरिए निवेश शुरू कर सकते हैं। एसआईपी में आप अपनी इनकम बढ़ने के साथ निवेश बढ़ा सकते हैं। अगर आप इस निवेश को कांटीन्‍यू करते हैं तो आप की रिटायरमेंट प्‍लानिंग में भी अपने आप हो जाएगी।

कार- शादी के बाद आप भी कार खरीदने पर विचार कर सकते हैं। अगर आप दोनों वर्किंग हैं तो यह ऑफिस आने जाने के लिए भी सुविधाजनक रहता है। लेकिन कार खरीदने से पहले अपने खर्च और फाइनेंस से जुड़े सभी बिन्दुओ पर विचार कर लेना चाहिए।

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