हर गरीब की इच्छा होती है कि उसका पक्का घर हो। सरकार साल 2022 तक हर गरीब को घर देने का सपना पूरा करेगी। केंद्र सरकार ने उन लाभार्थियों से भी बात की है जिन्हें इस योजना का लाभ मिल चुका है, उनसे पूछा गया कि इस योजना में कितनी पारदर्शिता है और सरकार की ओर से भेजी जा रही रकम खाते में पहुंच तो रही है।
क्या है ग्रामीण आवास योजना-
पीएम आवास योजना ग्रामीण और शहरी दो भागों में बंटी है।
ग्रामीण योजना के द्वारा 25 वर्गमीटर का मकान मिलता है।
पक्के मकान बनाने के लिए 1.2 लाख रुपये मिलते हैं।
आवास की मंजूरी मिलने पर पैसे सीधे खाते में आते हैं।
लाभार्थी इस पैसे का सीधे इस्तेमाल नहीं कर सकता बल्कि चेक के जरिये मकान सामग्री का भुगतान करना होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के द्वारा 25 वर्गमीटर का मकान मिलता है। सरकार पक्के मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये देती है और जब आवास की स्वीकृति मिल जाती है तब बारी-बारी से पैसे सीधे खाते में आते भेज दिए जाते हैं। कोई भी इस पैसे का सीधा इस्तेमाल नहीं कर सकता बल्कि खाते से सीधे चेक के द्वारा मकान सामग्री के लिए पेमेंट होता है। 2022 तक गांव के साथ-साथ शहरों में कोई भी घर कच्चा नहीं रहेगा। सरकार की योजना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देकर हर गरीब के सिर पर सीमेंट की छत हो।
क्या है शहरी आवास योजना- इस योजना का लाभ शहर के गरीबों को मिलता है।
योजना का लाभ EWS श्रेणी के लोगों को मिलता है।
योजना का लाभ LIG श्रेणी के परिवार को भी मिलता है।
सालाना आमदनी 3 लाख तक वाले EWS श्रेणी में आते हैं।
सालाना आमदनी 3-6 लाख वाले LIG श्रेणी में आते हैं।
लोन के माध्यम से सरकार शहरी गरीबों को मदद करती है।
EWS और LIG श्रेणी के लोगों को लोन के ब्याज में छूट भी दी जाती है।
सरकार का 2022 तक 1 करोड़ 10 लाख घर बनाने का लक्ष्य है। सरकार के अनुसार 34 लाख घर बन चुके हैं और 29 राज्य के 3594 शहर में लोगों को घर मिलना है। 11 लाख शहरी गरीबों को घर मिल चुका है जबकि कहा जा रहा है कि 23 लाख घर गांव में रहने वाले गरीबों को मिल चुका है। प्रधानमंत्री की इस योजना का लाभ कई तरीकों से लोगों तक पहुंचेगा। ऐसा नहीं है कि सरकार सिर्फ मकान बनाने वाली है। सरकार इस योजना के द्वारा झुग्गी में रहने वालों का पुनर्वास करा रही है।
इसमे हम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों से ही आवेदन कर सकते हैं। हम ऑनलाइन आवेदन करने के बारे में पिछले पोस्ट में बता चुके हैं।
No comments:
Post a Comment