भारत के इन खंडहरों में आज भी छिपा है बहुमूल्य खजाना, these fort of india have a lots of money hidden

भारतीय भूमि पर कई सदियों पर राजा और महाराजाओं का राज रहा है। ऐतिहासिक किले, महल और दुर्ग भी इन्ही सम्राटों ने बनवाये हैं। यहां पर कई सम्राट ने राज्य किया, कुछ अधिक समय तक शासन कर पाए तो कुछ का शासन कम समय मे ही समाप्त हो गया। राजा-रजवाड़ो की यह भूमि किसी समय अफगानी क्रूरता का शिकार भी हुई है और इसके सबूत आज भी खंडहरों के रूप में मिलते हैं। कुछ शासक अपने विस्तार के लिए लूट- पाट, मार-काट भी करते थे, जिसके फलस्वरूप इनके पास बहुत सारा धन हुआ करता था। भारत को बहुत बार विदेशियों ने लूटा है, वह धन को अपने साथ भी लेकर गए हैं। कुछ शासकों ने धन छुपा भी दिया है। कई राजा और महाराजा भी अपना धन किसी गुप्त जगह पर भी रखते थे, जिससे जरूरत आने पर इसका उपयोग किया जा सके। आज हम उन जगहों के बारे में बताते हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि यहाँ पर खजाना गड़ा हुआ है।

नादिर शाह का खजाना- फारस का राजा भारत को जीतने के लिये निकला था। उड़ने काबुल के बाद दिल्ली पर आक्रमण किया। उसने दिल्ली के मुगल बादशाह मुहहम्मद शाह आलम को हराकर दिल्ली पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने दिल्ली में कत्ले आम शुरू कर दिया था और हजारों निर्दोष लोगों को मार दिया था।नादिर ने बहुत लूटपाट की थी और वह आने साथ बहुत सारी धन-संपदा को साथ ले गया था। वह अपने साथ मयूर सिंहासन और कोहिनूर भी ले गया था। बहुत ज्यादा खजाना होने के करण उसके सैनिकों ने कुछ हिस्सा यहीं छिपा दिया था, जिसका आज तक कोई पता नही लगा पाया।
  गोलकुण्डा का खजाना- गोलकुंडा साउथ इंडिया का सबसे ध्वस्त किला है। इस किले पर कई शासकों ने राज्य किया। यह दुर्ग किसी समय मे बहुमूल्य खजानों के लिए जाना जाता था। यहाँ पर हीरे-मोतियों का बाजार लगता था तथा यहां पर हीरे की खाने भी थी, जहाँ से बहुमूल्य हीरे निकाले जाते थे। दुनिया का सबसे सुंदर हीरा कोहिनूर गोलकुंडा की खान से ही निकला था। इस किले कई आक्रमण होने के कारण यहां की खानों का कोई अस्तित्व नही रह गया है। फिर भी माना जाता है कि अब भी यहाँ बहुत सारा खजाना है।

मगध का खजाना- मगध पर पहले बिम्बिसार का शासन था। बिम्बिसार हर्यक वंश का था, जिसने मगध पर 542 से लेकर 492 ईपूर्व तक राज किया। उसने वैवाहिक संधियों और विजय अभियान के माध्यम से मगध का सम्मान और प्रसिद्धि को बहुत बढ़ाया। उसके पुत्र अजातशत्रु ने सत्ता के लालच में अपने पिता की हत्या कर दी। आज भी बिहार के राजगीर में बिम्बिसार का गुप्त खजाना छिपा हुआ है।

जयगढ़ का खजाना- महाराजा मान सिंह आमेर के राजपूत राजा थे। मान सिंह द्वारा जयगढ़ के किले में युद्ध से जीता हुआ खजाना छुपाया गया था। पर उस जगह का आज तक पता नहीं लग पाया है। मानसिंह मुगल सेना का प्रधान सेनापति भी था। इसने कई राज्यों को जीता कर अधीन कर लिया था। उसने अफगानिस्तान में भी अपनी विजय पताका को लहरा दिया था। जयगढ़ के किले के तहखानों में अरबों-खबरों का खजाना गढ़ा है। यह बात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा को पता चली तो उन्होंने भी खजाने ढूंढने में कोई कसर न छोड़ी।
   मोक्कम्बिका मंदिर का खजाना- कर्नाटक के कोलूर में स्थित मोक्कम्बिका मंदिर में भी खजाना होने की बातें लोगों के द्वारा कही गई हैं। जानकारों के मुताबिक यहां सांपों के कुछ खास निशान पाए गए हैं। और ऐसा माना जाता है कि सांप खास चीजों की ही रक्षा करते हैं।

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