बच्चों में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना आज के समय मे बहुत आवश्यक बन गया है। FSSAI ने भी राज्यों से स्कूलों में सही भोजन के विषय पर अपनी पुस्तक का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है। इसका उद्देश्य है की सभी को शुरुआत से ही खान-पान सबंधित समस्याओं के बारे में सतर्क रहा जाये। खाद्य नियामक FSSAI ने राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से स्कूल शिक्षा बोर्डों को 'येलो बुक' का इस्तेमाल करने के लिए सलाह दी है, जिसका लक्ष्य स्कूल के पाठ्यक्रम के माध्यम से सही खाने के लिए बच्चों को जागरूक करना है, सब कुछ सही रहा तो जल्दी ही यह पुस्तक सिलेबस में शामिल कर ली जाएगी।
यह पुस्तक पिछले साल सितंबर में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण FSSAI ने लाई थी, और यह 4-7 साल की आयु वर्ग के, 8-12 वर्ष और 13-17 वर्ष के बच्चों के लिए तीन श्रेणियों में शुरू की गई है। इसमें मजबूत खाद्य मानकों का विकास और सुरक्षित भोजन के लिए कोड का समर्थन करना, सकारात्मक विनियामक वातावरण बनाना, एक विश्वसनीय और मजबूत राष्ट्रीय खाद्य परीक्षण प्रणाली की स्थापना करना और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और स्वस्थ आहार की आदतों को बढ़ावा देना शामिल है। इसमें संतुलित भोजन खाने से भरपूर, पौष्टिक भोजन-पैकिंग करने के लिए कई विषयों को शामिल किया गया है। यह पोषण संबंधी कमियों को रोकने और स्वस्थ विकल्प बनाने पर जोर देता है। इस पुस्तक में स्कूल के बच्चों के लिए उपयोगी टिप्स और दिलचस्प गतिविधियां शामिल हैं। यह स्वतंत्र रूप से एक गाइड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
अब जल्दी ही खान-पान का विषय भी सिलेबस में शामिल किया जा सकता है, what is yellow book, it include in the syllabus verry soon
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