सस्ते इलेक्ट्रॉनिक आपके लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं इनसे क्या नुकसान है जानिए, electronic can be big problem if not dispose properly

आपके द्वारा खरीदी गई इलेक्ट्रॉनिक चीजें जब आप कचरे में फेंक देते हैं या कबाड़ में डाल देते हैं तो वह कहां जाती हैं। इंसान के इलेक्ट्रॉनिक कचरे को एक साथ लिया जाए तो माउंट एवरेस्ट से ऊंचा पहाड़ बन जाएगा। दुनिया भर में सिर्फ 20 परसेंट इलेक्ट्रॉनिक कचरा रीसायकल हो रहा है बाकी 80 परसेंट कचरा प्रकृति को गंदा कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की मदद से हुए एक रिसर्च जिसके मुताबिक 2016 में दुनिया भर में साढे चार करोड़ टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा हुआ, अगर इस कचरे को एक जगह जमा कर दिया जाए तो माउंट एवरेस्ट से ऊंचा पहाड़ बन जाएगा या फिर एफिल टावर जैसी साढे चार हजार संरचनाएं बन जाएगी। इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन इंटरनेशनल सॉलिड वेस्ट एसोसिएशन की शोध के मुताबिक लोगों की बढ़ती आय और सस्ते इलेक्ट्रॉनिक आइटम के चलते इलेक्ट्रॉनिक कचरा एक बड़ा सिरदर्द बन चुका है। 2014 में इलेक्ट्रॉनिक कचरा 4.1करोड़ था और यह आशंका जताई जा रही है कि साल 2021 तक यह 5.25 करोड़ तक पहुंच जाएगा। अब आप सोचिये की यह कितना बड़ा सिरदर्द है, हर मोबाइल के अंदर एक सर्किट बोर्ड होता है जिसमे सोना होता है। विशेषज्ञ के मुताबिक 35 से 40 स्मार्टफोन में 1 ग्राम सोना होता है। इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट में बहुमुल्य धातुएं जैसे सोना, चांदी, तांबा, प्लेटिनम जैसी मिलती है। 2016 में रीसाइक्लिंग से 55 अरब डॉलर का कच्चा माल निकला था, वह भी सिर्फ 20 परसेंट इलेक्ट्रॉनिक कचरे से अगर सारा इलेक्ट्रॉनिक कचरा रीसायकल किया जाता तो सैकड़ों अरब डॉलर बचाई जा सकते थे। 2016 में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक कचरा 72 लाख टन चीन में पैदा हुआ। दूसरे नंबर पर अमेरिका रहा। प्रति व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा करने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सबसे ऊपर हैं, वहां हर साल एक शख्स 17.3 किलो इलेक्ट्रॉनिक कचरा छोड़ता है इसमें सिर्फ 6 परसेंट ही जमा किया जा सकता है। यूरोप में सबसे ज्यादा करीब 35 परसेंट इलेक्ट्रॉनिक कचरा इकट्ठा किया जाता है। बैटरी में पुरानी बैटरी के सेल सीएफएल बल्ब मोबाइल फोन, CD प्लेयर, CD, पुरानी मशीने और टीवी और कंप्यूटर होते हैं। जमीन पर बिखरने और पानी के संपर्क में आने से इनमें केमिकल रिएक्शन होता है और कई जहरीले पदार्थ पर्यावरण में खुलते हैं। इनके संपर्क में आने पर इंसान पेड़ पौधों और जानवरों पर बुरा असर पड़ता है। नदी झरनों में तार किसी दूसरी चीजों के संपर्क में आकर जाल सा बनाते हैं और बहाव को प्रभावित करते हैं। स्पष्ट है कि आनें वाले सालों में सबसे ज्यादा जोर इलेक्ट्रॉनिक कचरे की सफाई पर देना चाहिए।

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