क्या आप भारत की विश्व प्रसिद्ध पर्वतीय टॉय ट्रेन का मजा लेना चाहते हैं

क्या आप भारत की विश्व प्रसिद्ध पर्वतीय और टॉय ट्रेन का मजा लेना चाहते है। यदि आप भारत में ही विश्व प्रसिद्ध पर्वतीय रेलवे का आनंद लेना चाहते हैं तो इन जगहों का नाम सबसे पहले आता है। भारत के पर्वतीय रेलवे के बारे में भारत मे 4 महत्वपूर्ण पर्वतीय रेलवे उपस्थित हैं। दार्जलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरी पर्वतीय रेल, कालका शिमला रेलवे, माथेरान हिल रेलवे।

दार्जलिंग हिमालयन रेलवे को 1999 में यूनिस्को की वर्ल्ड हेरिटेज का स्थान दिया गया था। नीलगिरी पर्वतीय रेल को साल 2005 में यूनिस्को की वर्ल्ड हेरिटेज में जोड़ा गया था।
टॉय ट्रेन मतलब खिलौना गाड़ी डार्जलिंग की पहचान है। बहुत सारी फिल्मों की शूटिंग भी इस जगह पर हुई है जैसें आराधना। टाइगर हिल पर चढ़ाई करने का आनंद भी टॉय ट्रैन पर ही है। हमे हर सुबह पर्यटक ऐसा करते दिख जाएंगे। यह ट्रेन पहाड़ो पर बिल्कुल एक खिलौना की तरह आगे बढ़ती है। इसकी स्पीड धीमी होती है और इसकी सवारी में बड़ा मजा आता है। यह ट्रेन ऊंचे ऊंचे पहाड़ों से जाती है और यह बहुत हवादार होती है। इसकी खिड़कियों से झांकने पर ऐसा लगता है हम जैसे किसी खूबसूरत दुनिया मे आ गए हो। अंधेरी गुफाओं से जाती है तो थोड़ा सा डर भी लगता है।
देश की सबसे लोकप्रिय हिलस्टेशन शिमला को कालका शिमला रेल जोड़ती है जो कि 1903 को शुरु हुई थी।संयुक्त राष्ट्र ने इसे भी विश्व धरोहर घोषित किया है। शिमला रेलवे भी दार्जलिंग के जैसा ही है एक तरफ शहर तो दूसरी तरफ गहरी घाटी। ब्रिटिश सरकार की ग्रीष्म की राजधानी शिमला थी जिसे कालका से जोड़ने के लिए यह रेल लाइन बनाई गई थी। कालका स्टेशन से जाने के बाद यह शिवालिक के घुमावदार रास्तो से होते हुए शिमला तक जाती है। नीलगिरी माउंटेन रेल यह भी वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। फेमस फ़िल्म दिल से का गाना चल छैया-छैया, इसी ट्रैन पर बनाया गया था।
नेरल माथेरान टॉय ट्रेन- माथेरान महाराष्ट्र में छोटा सा स्टेशन है नेरल से माथेरान तक टॉय ट्रेन की सवारी भी रोमांचक होती है। यहां 121 छोटे-छोटे पुल 221 छोटे-छोट मोड़ आते हैं। इस रेल की शुरूआत 1907 में हुई थी। बारिश में इसे बंद कर दिया जाता है इस ट्रेन को भी आपने कई फिल्मों में देखा होगा।

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